छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की संसदीय यात्रा: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आज का छत्तीसगढ़ स्वर्गीय अटल जी की देन

छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की संसदीय यात्रा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का छत्तीसगढ़ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की देन है और राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत हजारों साल पुरानी है। उन्होंने राज्य के विकास और महान विभूतियों को नमन किया।

Nov 19, 2025 - 18:50
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छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की संसदीय यात्रा: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आज का छत्तीसगढ़ स्वर्गीय अटल जी की देन

 UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की संसदीय यात्रा पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज का छत्तीसगढ़ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की देन है। उन्होंने सदन को बताया कि छत्तीसगढ़ का इतिहास केवल 25 साल पुराना नहीं है, बल्कि इसकी संस्कृति हजारों साल पुरानी है। पहली बार पंद्रहवीं सदी में कवि दलपत राव ने छत्तीसगढ़ का उल्लेख किया था।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत अत्यंत समृद्ध है। रतनपुर और रायपुर के राजधानी होने के कारण और 36 गढ़ों के शासन के चलते राज्य का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। राज्य की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व सदियों पुरानी है, जिसे देखकर इस क्षेत्र के विशाल महत्व को समझा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा भी आया जब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का हिस्सा था और भुखमरी तथा पलायन के लिए जाना जाता था। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य ने तेजी से विकास किया और 15 वर्षों में देश के बड़े राज्यों के विकास स्तर की बराबरी कर ली। स्वर्गीय अटल जी के उद्देश्य के अनुरूप राज्य लगातार तरक्की की राह पर आगे बढ़ता रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों को नमन करते हुए कहा कि उनके संघर्ष के बिना आज के छत्तीसगढ़ का निर्माण संभव नहीं था। उन्होंने सदन को यह भी याद दिलाया कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस समृद्ध इतिहास को जान सकें और अपने गौरवशाली अतीत को समझ सकें।

सत्र में यह संदेश भी दिया गया कि छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखना और राज्य के विकास को जारी रखना सभी नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की साझा जिम्मेदारी है।