सीमेंट फैक्ट्री लाठीचार्ज मामला गरमाया, PCC अध्यक्ष दीपक बैज आज विचारपुर–पण्डरिया पहुंचेंगे
खैरागढ़ जिले में प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री और चूना खदान के विरोध में हुए कथित लाठीचार्ज को लेकर राजनीति तेज हो गई है। PCC अध्यक्ष दीपक बैज आज प्रभावित गांव पहुंचेंगे, वहीं सात सदस्यीय जांच समिति तथ्य जुटाएगी।
UNITED NEWS OF ASIA. मनोहर सेन, खैरागढ़/छुईखदान | जिले में प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री एवं चूना खदान के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा किए गए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए कथित लाठीचार्ज की घटना ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज आज 10 दिसंबर को विचारपुर–पण्डरिया गांव पहुंचेंगे और प्रभावित ग्रामीणों से सीधे संवाद कर स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे। कांग्रेस संगठन की ओर से इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर कुठाराघात बताया जा रहा है। PCC अध्यक्ष दीपक बैज का दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि इससे पीड़ित ग्रामीणों को नैतिक समर्थन मिलने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
इसी क्रम में विधायक इन्द्रशाह मंडावी के नेतृत्व में गठित सात सदस्यीय जांच समिति भी मौके पर पहुंचेगी, जो पूरे घटनाक्रम की वस्तुस्थिति जानने के लिए ग्रामीणों, पीड़ित परिवारों एवं मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत करेगी। जांच समिति में विधायक यशोदा निलांबर वर्मा, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कोमल साहू सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पदाधिकारी शामिल हैं। यह समिति लाठीचार्ज की परिस्थितियों, प्रशासनिक भूमिका तथा ग्रामीणों पर पड़े प्रभावों की विस्तृत जानकारी एकत्र कर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को सौंपा जाएगा।
कांग्रेस का आरोप है कि विकास के नाम पर ग्रामीणों की जमीन, जंगल और आजीविका से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है तथा जब ग्रामीण अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से रखना चाहते हैं, तो उन पर बल प्रयोग किया जाता है। प्रदेश कांग्रेस ने खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं, पंचायत प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों एवं संगठन के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों से अपील की है कि वे आज दोपहर 1 बजे विचारपुर–पण्डरिया ग्राम में आयोजित कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। पार्टी का कहना है कि यह केवल एक गांव का मुद्दा नहीं, बल्कि जन अधिकारों, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों की सहमति से जुड़े बड़े सवालों का मामला है।
वहीं प्रशासनिक स्तर पर घटना को लेकर फिलहाल कोई विस्तृत आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले को विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाया जाएगा। पूरे घटनाक्रम से खैरागढ़ जिले में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर व्यापक आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है।