बीजापुर में माओवादियों को बड़ा झटका, 1.06 करोड़ के इनामी 49 समेत 103 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बीजापुर जिले में माओवादी संगठन को बड़ा झटका देते हुए कुल 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 1.06 करोड़ रुपए के इनामी 49 माओवादी भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में डीव्हीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, जनताना सरकार सदस्य, मिलिशिया कमांडर और अन्य वरिष्ठ कैडर शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्ला नार’ पुनर्वास योजना से प्रेरित होकर माओवादियों ने हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।

UNITED NEWS OF ASIA. नविन चौधरी , बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादी संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है। कुल 103 माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए, जिनमें 1.06 करोड़ रुपए के इनामी 49 नक्सली भी शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण न केवल हिंसा के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम है बल्कि उस विचारधारा की भी हार है जो वर्षों तक भ्रम और बंदूक के सहारे खड़ी रही।
आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं — डीव्हीसीएम 01, पीपीसीएम 04, एसीएम 04, प्लाटून पार्टी सदस्य 01, डीएकेएमएस अध्यक्ष 03, सीएनएम अध्यक्ष 04, केएएमएस अध्यक्ष 02, एरिया कमेटी पार्टी सदस्य 05, मिलिशिया कमांडर/डिप्टी कमांडर 05, जनताना सरकार अध्यक्ष 04, पीएलजीए सदस्य 01, सीएनएम सदस्य 12, जनताना सरकार उपाध्यक्ष 04, डीएकेएमएस उपाध्यक्ष 01, जनताना सरकार सदस्य 22, मिलिशिया प्लाटून सदस्य 23, जीपीसी 02, डीएकेएमएस सदस्य 04 और भूमकाल मिलिशिया सदस्य 01।
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होकर इन माओवादियों ने 2 अक्टूबर 2025 को आत्मसमर्पण किया। पुलिस के अनुसार, संगठन के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं के मारे जाने और लगातार आत्मसमर्पण से माओवादी संगठन तेजी से कमजोर हो रहा है।
गौरतलब है कि 1 जनवरी 2025 से अब तक 421 माओवादी गिरफ्तार, 410 ने आत्मसमर्पण किया और 137 मारे गए हैं। वहीं 1 जनवरी 2024 से अब तक 924 गिरफ्तार, 599 ने आत्मसमर्पण और 195 मारे गए हैं।
यह आत्मसमर्पण माओवादी संगठन के घटते जनाधार का प्रमाण है और सुरक्षा बलों के लगातार दबाव तथा सरकारी योजनाओं के असर को भी दर्शाता है। बीजापुर में हुआ यह सामूहिक आत्मसमर्पण माओवादी उन्मूलन की दिशा में एक निर्णायक कदम