मंदिर हसौद में आपसी विवाद से हत्या का मामला, मुख्य आरोपी तरूण शुक्ला और सुभाष शर्मा गिरफ्तार
मंदिर हसौद थाना क्षेत्र में आपसी विवाद के कारण हुई हत्या के मामले में मुख्य आरोपी तरूण शुक्ला और सुभाष शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

UNITED NEWS OF ASIA. हसीब अख्तर, रायपुर। थाना मंदिर हसौद क्षेत्र में आपसी विवाद को लेकर हुई हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी तरूण शुक्ला और उसके साथी सुभाष शर्मा को गिरफ्तार किया है। घटना 5 अक्टूबर 2025 की है, जब मृतक सिद्धार्थ भतपहरी अपने घर से नहाने के लिए पास के तालाब गया था और वापस नहीं लौटा। 8 अक्टूबर को जिंदल फैक्ट्री के पीछे गिट्टी खदान में उसका शव जलता हुआ पाया गया।
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि हत्या के पश्चात आरोपी शव को जलाकर साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास कर रहे थे। प्रार्थी मिथलेस भतपहरी ने थाना मंदिर हसौद में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अपराध क्रमांक 483/25 धारा 103(1), 238(1), 3(5) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने जांच का निर्देशन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में एंटी क्राइम और साइबर यूनिट तथा थाना मंदिर हसौद की संयुक्त टीम ने आरोपी की पतासाजी शुरू की। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के बाद तरूण शुक्ला की पहचान हुई।
पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने सुभाष शर्मा और ओमप्रकाश मिश्रा के साथ मिलकर आपसी विवाद के कारण सिद्धार्थ भतपहरी की हत्या की थी और शव को जलाया। पुलिस ने तरूण शुक्ला और सुभाष शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। तीसरा आरोपी अभी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में तरूण शुक्ला (19 वर्ष, नवीन चौक, मंदिर हसौद) और सुभाष शर्मा (20 वर्ष, ग्राम जकारा, मंदिर हसौद) शामिल हैं। पुलिस की टीम में निरीक्षक आशीष यादव, प्रभारी निरीक्षक परेश पांडेय, प्र.आर. वीरेन्द्र भार्गव, जसवंत सोनी, म.प्र.आर. बसंती मौर्य, और अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों ने इस कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य नष्ट करने और हत्या के गंभीर अपराधों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंदिर हसौद पुलिस और एंटी क्राइम टीम की तत्परता से इस गंभीर मामले में 10 दिन के भीतर मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी संभव हुई।