भोरमदेव अभ्यारण्य में तीन दिवसीय “तितली सम्मेलन 2025” का शुभारंभ — तितली संरक्षण और संवर्धन पर जोर
भोरमदेव अभ्यारण्य में तीन दिवसीय तितली सम्मेलन 2025 का शुभारंभ हुआ, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए विशेषज्ञों ने तितली संरक्षण, आवास विकास और जैव विविधता पर चर्चा की।

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | भोरमदेव अभ्यारण्य, वनमण्डल कवर्धा में तीन दिवसीय “तितली सम्मेलन 2025” (द्वितीय संस्करण) का आयोजन 10 से 12 अक्टूबर तक किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ आज “तितली तिहार” के रूप में हर्षोल्लास से हुआ, जिसमें बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ से कुल 41 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री कैलाश चन्द्रवंशी (उपाध्यक्ष जिला पंचायत), चन्द्रप्रकाश चन्द्रवंशी (अध्यक्ष नगर पालिका परिषद), श्री सुरेश चन्द्रवंशी (अध्यक्ष कृषक बोर्ड), इतिहासकार आदित्य श्रीवास्तव तथा रायपुर के तितली विशेषज्ञ श्री गौरव हियलानी उपस्थित रहे। अतिथियों ने तितलियों के संरक्षण, संवर्धन और उनके पारिस्थितिक महत्व पर विस्तृत जानकारी दी।
वनमण्डलाधिकारी श्री निखिल अग्रवाल ने तितलियों की प्रजातियों, उनकी उपयोगिता और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका पर एक प्रभावशाली प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर स्थानीय वनवासियों—जिराखन बैगा, हंसा बैगा और गोमल बैगा—को बटरफ्लाई होस्ट पौधों का वितरण किया गया ताकि तितलियों के आवास को बढ़ावा दिया जा सके।
भोरमदेव की अधीक्षक श्रीमती अनिता साहू ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए, जबकि परिक्षेत्र अधिकारी श्री अनुराग वर्मा ने द्वितीय दिवस के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भोरमदेव क्षेत्र की तितली प्रजातियों की पहचान कर इसे “तितली अभ्यारण्य” के रूप में विकसित करना है।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान हेतु हेमूराम कचलामे, फलितराम यादव, भूपेश कौशिक, लालचंद साहू, राजेन्द्र नेताम, महेश नेताम एवं हिमालय पटेल (वनरक्षक) को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। संचालन वनपाल श्री कौशल साहू द्वारा किया गया।
भोरमदेव अभ्यारण्य का यह आयोजन न केवल जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने का भी एक सराहनीय प्रयास है।