वचन डेयरी के भ्रामक विज्ञापन के विरोध में यादव समाज ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वचन डेयरी के कथित भ्रामक एवं आपत्तिजनक विज्ञापन के विरोध में यादव समाज छत्तीसगढ़ ने रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। समाज ने खुले दूध के व्यवसाय को बदनाम करने वाले प्रचार को समाज की गरिमा और आजीविका पर आघात बताया।

Dec 25, 2025 - 16:40
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वचन डेयरी के भ्रामक विज्ञापन के विरोध में यादव समाज ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 UNITED NEWSW OF ASIA.अमृतेश्वर सिंह,  रायपुर। यादव समाज छत्तीसगढ़ द्वारा वचन (Vachan) डेयरी कंपनी के कथित भ्रामक एवं आपत्तिजनक विज्ञापन के विरोध में आज कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से समाज ने खुले दूध के व्यवसाय को गंदा, अस्वच्छ एवं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दर्शाने वाले प्रचार पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

यादव समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि यादव समाज छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में पीढ़ियों से पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और खुले दूध के व्यापार से जुड़ा हुआ है। यह व्यवसाय केवल आजीविका का साधन ही नहीं, बल्कि समाज की सामाजिक पहचान, परंपरा और सम्मान का अभिन्न हिस्सा भी है। ऐसे में वचन डेयरी द्वारा जारी पर्चा एवं विज्ञापन बिना किसी ठोस वैज्ञानिक आधार के खुले दूध के व्यापार को बदनाम करने वाला है।

समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार के विज्ञापन से आम जनता में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि खुले दूध का व्यापार अस्वच्छ और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जबकि वास्तविकता यह है कि पारंपरिक दुग्ध व्यवसाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। इस तरह का प्रचार न केवल समाज विशेष की सामूहिक मानहानि है, बल्कि इससे हजारों परिवारों की रोजी-रोटी और आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इस तरह के भ्रामक विज्ञापन अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आते हैं और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं। यादव समाज ने आशंका जताई कि यदि ऐसे प्रचार पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई, तो इससे समाज में असंतोष और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

यादव समाज छत्तीसगढ़ ने कलेक्टर से मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर वचन डेयरी कंपनी को इस प्रकार के भ्रामक एवं आपत्तिजनक विज्ञापनों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए जाएँ। साथ ही भविष्य में किसी भी समाज या पारंपरिक व्यवसाय की छवि धूमिल करने वाले प्रचार पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

समाज ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी संस्था से टकराव करना नहीं है, बल्कि अपनी परंपरागत आजीविका, सामाजिक गरिमा और समाज के सम्मान की रक्षा करना है।