राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी में शा.उ.मा.वि. सेलेगांव की खुशबू साहू को द्वितीय स्थान

शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेलेगांव की छात्रा खुशबू साहू ने राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी 2025-26 में उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर द्वितीय स्थान प्राप्त किया। उन्हें पांच हजार रुपए, प्रमाण पत्र और मोमेंटो से सम्मानित किया गया।

Oct 26, 2025 - 20:51
 0  8
राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी में शा.उ.मा.वि. सेलेगांव की खुशबू साहू को द्वितीय स्थान

UNITED NEWS OF ASIA. राजेंद्र मंडावी, कांकेर। शासकीय शिक्षा महा विद्यालय शंकर नगर रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी 2025-26 का विषय था "क्वांटम युग का आगाज: संभावनाएं एवं चुनौतियां"। इस भव्य कार्यक्रम में हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति प्रो. डॉ. संजय तिवारी, डॉ. लक्ष्मीकांत चावरे, डॉ. आलोक लुका, डॉ. नंद कुमार चक्रधारी समेत अन्य प्रमुख अतिथि उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ के नौ जोन के शासकीय विद्यालयों से चयनित अठारह बाल वैज्ञानिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कांकेर जोन का प्रतिनिधित्व करते हुए शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेलेगांव की कक्षा 10 की छात्रा खुशबू साहू ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति के माध्यम से राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान हासिल किया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप पांच हजार रुपए, प्रमाण पत्र और मोमेंटो प्रदान किया गया।

खुशबू साहू ने क्वांटम प्रौद्योगिकी के अंतर्गत साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, ऊर्जा प्रणालियां, मौसम पूर्वानुमान, अंतरिक्ष विज्ञान और रक्षा संचार पर प्रभावशील व्याख्यान प्रस्तुत किया। उनका मार्गदर्शन शिक्षक पुष्पांजलि ठाकुर और पीयूषा बंजारे ने किया।

इसी क्रम में कांकेर जोन का प्रतिनिधित्व करने वाली कक्षा 10 की कुमारी लवली पटेल, शासकीय पीएमश्री उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय भैंसमुंडी, धमतरी, ने भी संगोष्ठी में भाग लिया और सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।

राज्य स्तरीय संगोष्ठी के निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों का गहन मूल्यांकन किया। कांकेर जिला कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, धमतरी जिला कलेक्टर अविनाश मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी एवं अन्य अधिकारी, प्राचार्य और शिक्षक उपस्थित रहे और प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस उपलब्धि से न केवल शा.उ.मा.वि. सेलेगांव का गौरव बढ़ा है, बल्कि कांकेर जिले के छात्रों में विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के प्रति रुचि और प्रेरणा भी बढ़ी है। छात्राओं के प्रयासों ने यह संदेश दिया कि समर्पण, मार्गदर्शन और नवाचार के माध्यम से युवा प्रतिभाएं राज्य और देश के विज्ञान क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे सकती हैं।

छात्राओं की सफलता से क्षेत्र के शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और युवा विज्ञानियों के विकास की संभावनाओं को भी नई दिशा मिली है।