प्रमोद ठाकुर बने फिर दंतेवाड़ा के डीईओ, कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के संभावित खेल पर उठाया सवाल
दंतेवाड़ा में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर फिर से प्रमोद ठाकुर की नियुक्ति के बाद कांग्रेस नेता छविन्द्र कर्मा ने इसे लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रमोद ठाकुर पर पहले से ही भ्रष्टाचार के कई मामले विचाराधीन हैं और उनकी पुनः नियुक्ति से जांच प्रभावित होने का खतरा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा शासन में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को संरक्षण मिल रहा है और दंतेवाड़ा जिले में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारियों के नवीन पदस्थापना आदेश जारी किए, जिसमें दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर प्राचार्य प्रमोद ठाकुर को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) नियुक्त किया गया है। इस नवीन पदस्थापना को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छविन्द्र कर्मा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम जिले में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक खेल की संभावना को बढ़ाता है।
छविन्द्र कर्मा ने आरोप लगाया कि जिस अधिकारी को विधानसभा में भाजपा मंत्रियों द्वारा हटाया गया था, उसे कुछ महीनों बाद फिर से जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रमोद ठाकुर अपनी उच्च पहुंच का उपयोग करके अपनी पसंदीदा जगहों पर पदस्थापना करवा लेते हैं। छविन्द्र कर्मा ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला उनका पसंदीदा क्षेत्र रहा है, जहां उन्होंने पहले भी कथित भ्रष्टाचार किए थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रमोद ठाकुर के पुनः नियुक्त होने से उनके भ्रष्टाचार मामलों की निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है और जिला में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मुक्त राज्य का दावा करती है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर बहाल कर रही है।
छविन्द्र कर्मा ने कहा, "प्रमोद ठाकुर की दंतेवाड़ा में पुनः नियुक्ति शिक्षा विभाग में कुछ बड़ा खेल होने का संकेत देती है। निलंबित अधिकारी को वापस लाना गलत है। सरकार को ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए जो निष्पक्ष रूप से जिले के विकास में योगदान दें।"
इस पदस्थापना के बाद जिले में शिक्षा विभाग की गतिविधियों और विकास कार्यों की निगरानी पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।