प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया आईआईटी भिलाई फेस-2 परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास, 2257.55 करोड़ की लागत से बनेगा अत्याधुनिक कैंपस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारसुगुड़ा (ओडिशा) से वर्चुअल माध्यम से देश के आठ आईआईटी संस्थानों के अधोसंरचना विकास कार्यों का शिलान्यास किया, जिनमें आईआईटी भिलाई की फेस-2 परियोजना भी शामिल है। 2257.55 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस अत्याधुनिक कैंपस में नए विभाग, उन्नत प्रयोगशालाएं, अनुसंधान पार्क, छात्रावास और खेल सुविधाएं शामिल होंगी। निर्माण पूर्ण होने पर छात्र संख्या 1500 से बढ़कर 3000 हो जाएगी। तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ को तकनीकी नवाचार के नए युग में ले जाएगी।

Sep 28, 2025 - 12:01
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया आईआईटी भिलाई फेस-2 परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास, 2257.55 करोड़ की लागत से बनेगा अत्याधुनिक कैंपस

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारसुगुड़ा (ओडिशा) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश के आठ प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) की अधोसंरचना विकास परियोजनाओं का वर्चुअल शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में आईआईटी भिलाई फेस-2 परियोजना भी शामिल है, जिसे भारत सरकार द्वारा 2257.55 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है।

इस अवसर पर आईआईटी भिलाई परिसर के नालंदा व्याख्यान कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंत्री साहेब ने कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा इन परियोजनाओं का शिलान्यास देश और छत्तीसगढ़ दोनों के लिए गर्व का विषय है। इससे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी।”

फेस-2 परियोजना: नवाचार और तकनीकी शिक्षा का नया अध्याय

भारत सरकार ने 29 मई 2025 को फेस-2 परियोजना के लिए 2257.55 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिनमें से 1092 करोड़ रुपये केवल परिसर निर्माण पर व्यय होंगे। इस चरण में 1,51,343 वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिसमें नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष और प्रोटोटाइप सुविधाएँ शामिल होंगी।

फेस-2 पूर्ण होने पर आईआईटी भिलाई में छात्र संख्या 1500 से बढ़कर 3000 हो जाएगी। परियोजना में छात्रावास, खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, टेनिस कोर्ट, स्वास्थ्य केंद्र, कैंटीन और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। परियोजना की सबसे विशेष पहल छत्तीसगढ़ का पहला अनुसंधान पार्क होगा, जिसकी स्थापना 96 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी। परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

आईआईटी भिलाई: उपलब्धियों और नवाचारों की मिसाल

2016 में स्थापित आईआईटी भिलाई ने अपने पहले चरण में 1090.17 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक, पर्यावरण-संवेदनशील और छात्र-केंद्रित परिसर का विकास किया था, जिसका लोकार्पण 20 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री ने किया था। संस्थान को GRIHA LD रेटिंग और NSCI सुरक्षा पुरस्कार 2021 जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं।

आईआईटी भिलाई वर्तमान में 300 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का संचालन कर रहा है, जिन पर लगभग 185 करोड़ रुपये का व्यय हो रहा है और अब तक 30 पेटेंट दर्ज किए जा चुके हैं।

संस्थान ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने हेतु विद्या समीक्षा केंद्र विकसित किया है, जिसने 10 लाख गैर-मौजूद छात्र रिकॉर्ड को हटाकर राज्य को 40 करोड़ रुपये की बचत कराई। साथ ही, जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए 54 जनजातीय विकास परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं।

भविष्य की दृष्टि

वर्तमान में आईआईटी भिलाई में बी.टेक, एम.टेक, एम.एससी. और पीएच.डी. पाठ्यक्रमों में लगभग 1525 छात्र अध्ययनरत हैं। फेस-2 विकास के बाद यह संख्या 3000 तक पहुँच जाएगी। इससे आईआईटी भिलाई न केवल शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में बल्कि उद्योग सहयोग, स्टार्टअप्स और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी केंद्रों में से एक बन जाएगा।

इस अवसर पर संस्थान के प्राध्यापकगण, विषय विशेषज्ञ, छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

आईआईटी भिलाई फेस-2 परियोजना तकनीकी शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाला मील का पत्थर साबित होगी।