दंतेवाड़ा में आदिवासी महिलाओं को बनाकर निशाना, दुष्कर्म के बाद हत्या पर तुलिका कर्मा का फूटा गुस्सा – कहा, एक हफ्ते में गिरफ्तारी नहीं हुई तो घेरेंगे एसपी ऑफिस
दंतेवाड़ा जिले में आदिवासी महिलाओं से दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कुआकोण्डा, किरंदुल और अब कुंदेली में महिला से अनाचार कर हत्या के मामलों से क्षेत्र में आक्रोश है। जिला पंचायत सदस्य तुलिका कर्मा ने घटनास्थल का दौरा कर जांच की और पुलिस-प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं और विधायक इन मामलों से दूरी बनाए हुए हैं। तुलिका ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो महिला कांग्रेस एसपी कार्यालय का घेराव करेगी।

UNITED NEWS OF ASIA. नवीन चौधरी, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आदिवासी महिलाओं को निशाना बनाकर दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पहले किरंदुल, फिर कुआकोण्डा और अब भांसी के कुंदेली गांव में महिला से दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई। घटना स्थल पर पहुंचकर जिला पंचायत सदस्य तुलिका कर्मा ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और आसपास के ग्रामीणों से बातचीत कर अहम जानकारी जुटाई।
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क से करीब 50 मीटर अंदर महिला का शव मिला, जिसे घसीटकर ले जाने के निशान स्पष्ट हैं। घटनास्थल पर चूड़ी के टुकड़े और संघर्ष के सबूत भी मिले हैं। तुलिका कर्मा ने आरोप लगाया कि महिला के साथ एक से अधिक लोगों ने अनाचार किया और उसके शरीर पर चोट के गहरे निशान हैं।
ग्रामीणों का संदेह है कि पास ही मौजूद नाहर कंस्ट्रक्शन कंपनी के डामर प्लांट में काम करने आए बाहरी लोग इस वारदात में शामिल हो सकते हैं। तुलिका ने भांसी थाने पहुंचकर थाना प्रभारी से भी मुलाकात की और पुलिस की जांच पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। विधायक चैतराम अटामी इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेते, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। बाहर से आई कंपनियों के कर्मचारियों की जानकारी तक पुलिस के पास नहीं होती।
तुलिका ने दो टूक कहा कि यदि एक सप्ताह में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो महिला कांग्रेस एसपी कार्यालय का घेराव करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में पुलिस केवल एफआईआर दर्ज कर औपचारिकता निभा रही है, जबकि घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही।
इस घटना ने एक बार फिर जिले में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन पर लापरवाही के आरोपों ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है