कोरबा में सड़कों की बदहाली पर भड़की जनता — 16 अक्टूबर को विशाल धरना, 24 से ‘गड्ढा नामकरण अभियान’ की चेतावनी
कोरबा में सड़कों की दुर्दशा से नाराज़ जनता ने 16 अक्टूबर को विशाल धरना और 24 अक्टूबर से ‘गड्ढा नामकरण अभियान’ की घोषणा की, प्रशासन की निष्क्रियता पर जताई नाराज़गी।

UNITED NEWS OF ASIA. भूपेंद्र साहू, कोरबा | कोरबा जिले में सड़कों की दुर्दशा और प्रशासन की उदासीनता को लेकर आम नागरिकों का सब्र अब टूटता नज़र आ रहा है। शहर के प्रमुख मार्ग जैसे गौमाता चौक, ईमलीछापर चौक और कटघोरा रोड की बदहाल स्थिति को लेकर नागरिकों ने 16 अक्टूबर को ट्रांसपोर्ट नगर चौक पर विशाल धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व जिला कलेक्टर और निगम आयुक्त को पत्र लिखकर सड़कों की मरम्मत की मांग की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में अब नागरिक “गड्ढा नामकरण अभियान” की तैयारी में हैं, जो 24 अक्टूबर से शुरू होगा। इस अभियान के तहत शहर की टूटी-फूटी सड़कों और गड्ढों पर जाकर प्रतीकात्मक रूप से पूजा की जाएगी और उन्हें नाम देकर दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का संदेश दिया जाएगा।
आंदोलनकारियों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और एसईसीएल जैसे विभाग सड़कों की मरम्मत को लेकर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं, जिससे स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। नगर निगम सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जनता सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान है, लेकिन अधिकारी केवल कागजी खानापूर्ति कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं।”
त्यौहारी मौसम में सड़कों के गड्ढे और धूल से लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया पर नागरिक अपनी नाराज़गी खुलकर व्यक्त कर रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन अब तक मौन है।
जनता ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि धरना और गड्ढा नामकरण अभियान के बाद भी सुधार नहीं हुआ तो चक्काजाम और अनशन जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे। आंदोलन का उद्देश्य न केवल सड़कों की मरम्मत कराना है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना भी है।
कोरबा के इस आंदोलन ने प्रशासन को जवाबदेही के कटघरे में खड़ा कर दिया है और आने वाले दिनों में इसका असर पूरे जिले में देखने को मिल सकता है।