कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में संविधान दिवस का उत्साहपूर्ण आयोजन
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में संविधान दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। प्रशासनिक भवन और जनसंचार विभाग में आयोजित कार्यक्रमों में संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया तथा विद्यार्थियों और अधिकारियों ने संविधान के मूल्यों पर अपने विचार रखे।
UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, रायपुर/बेमेतरा। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में बुधवार को संविधान दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम दो स्थानों पर आयोजित हुआ—जनसंचार विभाग और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में। कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की उद्देशिका के सामूहिक वाचन से हुई, जिसमें सभी उपस्थित जनों ने संविधान के प्रति निष्ठा तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने की प्रतिज्ञा ली।
प्रशासनिक भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति महादेव कावरे ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने गहन विचार-विमर्श के बाद भारत के महान संविधान को अंगीकृत किया, जो भारतीय लोकतंत्र की मूल आधारशिला है। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य नागरिकों में उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सदस्यों के योगदान को नमन किया, जिन्होंने प्रत्येक भारतीय को सम्मान, स्वाभिमान और समानता के साथ जीवन जीने का मार्ग दिया।
जनसंचार विभाग में आयोजित विचार-विमर्श कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती ने कहा कि संविधान हमें अधिकारों के साथ-साथ हमारे कर्तव्यों के पालन का बोध कराता है, जो समाज और राष्ट्र के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी संविधान पर अपने विचार व्यक्त किए।
ख्याति मिश्रा (बीएजेएमसी) ने कहा कि संविधान सभी भारतीयों को समान अवसर देता है और देश की विविधताओं को एक सूत्र में पिरोता है। उन्होंने युवाओं से अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की अपील की।
प्रतिष्ठा मिश्रा (बीएजेएमसी) ने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण का मूल मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि मीडिया विद्यार्थियों की जिम्मेदारी है कि वे संवैधानिक मूल्यों को सही रूप में समाज तक पहुँचाएँ।
सुयश साहू (बीएजेएमसी) ने संविधान को भारतीय लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को इसके मूल्यों को जीवन में अपनाना चाहिए।
गौरव शंकर (एमएएमसी) ने कहा कि संविधान नागरिकों के अधिकारों का संरक्षक है और इसके अनुरूप आचरण करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।
जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम संविधान की भावना, नागरिक कर्तव्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास रहा। इस अवसर पर अतिथि व्याख्याता डॉ. नीलेश साहू, विनोद सावंत, कर्मचारी अविनाश करडेकर, जितेंद्र श्रीवास, गोविंद पटेल तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
