भैरूंदा में माँ बगलामुखी माई मंदिर: नवरात्रि में विशेष श्रृंगार, पूजा-पाठ और भंडारे का भव्य आयोजन

भैरूंदा के माँ बगलामुखी मंदिर में नवरात्रि के पावन अवसर पर विशेष श्रृंगार, पूजा-पाठ, भजन कीर्तन, महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन किया जा रहा है। 1995 से निरंतर प्रज्वलित अखंड ज्योत और भक्तों की आस्था का केंद्र यह मंदिर श्रद्धालुओं को सुख, समृद्धि और शत्रु परास्त करने की शक्ति प्रदान करता है।

Sep 21, 2025 - 19:13
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भैरूंदा में माँ बगलामुखी माई मंदिर: नवरात्रि में विशेष श्रृंगार, पूजा-पाठ और भंडारे का भव्य आयोजन

UNITED NEWS OF ASIA. घनश्याम शर्मा, भैरूंदा । नगर भैरूंदा के रॉयल मार्केट में स्थित माँ पीताम्बरा बगलामुखी माई का मंदिर नवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस वर्ष भी मंदिर में नवदिवसीय विशेष श्रृंगार, पूजा-पाठ, भजन कीर्तन, रात्रिकालीन विशेष हवन, महाआरती और महाप्रसादी का भव्य आयोजन किया जा रहा है।

मंदिर के मुख्य पुजारी पं. बाबूलाल शर्मा ने बताया कि सन 1995 में उन्होंने छोटे स्वरूप में माँ का फोटो रखकर आराधना और अखंड ज्योत प्रज्वलित की थी। माँ की कृपा से 2012 में मंदिर का निर्माण हुआ और माता बगलामुखी की प्रतिमा स्थापित की गई। तब से निरंतर माता की उपासना और सेवा जारी है।

माँ बगलामुखी की महिमा
माँ बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या मानी जाती हैं। उनकी पूजा से भक्तों को शत्रुओं पर विजय, ऋण और बाधाओं से मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। उन्हें ब्रह्मास्त्र रूपिणी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने नलखेड़ा में माँ बगलामुखी की उपासना की थी, जिसके फलस्वरूप उनकी विजय हुई।

भक्तों के लिए विशेष आयोजन
मंदिर में प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि के दौरान कन्याभोजन और विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें स्थानीय और दूर-दूर से आए श्रद्धालु शामिल होते हैं।

भक्ति और आस्था का केंद्र
माँ बगलामुखी माई के मंदिर में श्रद्धालुओं की निरंतर सेवा और पूजा की जाती है। पं. बाबूलाल शर्मा ने बताया कि जिन भक्तों ने लगातार सेवा की है, उनके जीवन में माता ने सुख और समृद्धि बढ़ाई है। मंदिर भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से पार पाने की शक्ति प्रदान करता है।

माँ बगलामुखी माई का यह मंदिर भैरूंदा में भक्तों के लिए आस्था और शक्ति का केंद्र बना हुआ है, जहाँ हर वर्ष नवरात्रि पर भव्य आयोजन के माध्यम से श्रद्धालुओं की भागीदारी सुनिश्चित होती है।