बेमेतरा में 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी-सर्दी की सिरप न देने की एडवाइजरी जारी, सीएमएचओ ने अभिभावकों को किया आगाह
बेमेतरा स्वास्थ्य विभाग ने 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खांसी या सर्दी की दवा न देने की एडवाइजरी जारी की है। सीएमएचओ डॉ अमृत लाल रोहलेडर ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के बच्चों को कोई दवा न दें। राज्य में सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। स्वास्थ्य विभाग, बेमेतरा ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुरूप महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या सर्दी की दवा, विशेषकर सिरप, नहीं दी जानी चाहिए। इसके साथ ही, यह दवाएं सामान्यतः 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए भी अनुशंसित नहीं हैं।
इस कदम का उद्देश्य शिशुओं को संभावित दुष्प्रभावों से बचाना और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी सिविल सर्जन, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थानों को गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए।
सीएमएचओ बेमेतरा, डॉ अमृत लाल रोहलेडर ने अभिभावकों से विशेष अनुरोध किया कि वे बिना चिकित्सकीय परामर्श अपने बच्चों को कोई दवा न दें। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में बच्चों की खांसी और सर्दी स्वयं ही ठीक हो जाती है, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह दवा देना आवश्यक नहीं है।
राज्यभर में औषध निर्माण इकाइयों और फार्मेसियों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने भी उन कंपनियों की जानकारी साझा की, जिनके खिलाफ अन्य राज्यों में कार्रवाई हुई है; ये कंपनियां राज्य में किसी भी सरकारी आपूर्ति के लिए पंजीकृत नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य बच्चों के संदर्भ में दवाओं के अनुचित और असावधानीपूर्वक उपयोग को पूरी तरह समाप्त करना है। इसके तहत सरकारी और निजी संस्थानों को सख्ती से निर्देशित किया गया है कि वे एडवाइजरी का पालन करें और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई सुनिश्चित करें।
डॉ अमृत लाल रोहलेडर ने अंत में अभिभावकों को आगाह किया कि केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही बच्चों को दवा दें, ताकि उनकी सेहत सुरक्षित और स्वस्थ बनी रहे।