ग्राम पंचायत बांकी में पटवारी कार्यालय बना सीमेंट गोदाम, ग्रामीणों में बढ़ा असंतोष
सिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बांकी में पंचायत भवन निर्माण सामग्री को पटवारी कार्यालय में रखे जाने से राजस्व कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कार्यालय सीमेंट गोदाम में तब्दील हो गया है, जिससे ग्रामीणों में नाराज़गी बढ़ रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सामग्री हटाने की मांग की है।
UNITED NEWS OF ASIA. आरिफ मोहम्मद, सिवनी | जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बांकी में इन दिनों एक गंभीर और चिंताजनक स्थिति सामने आई है। गांव का पटवारी कार्यालय हल्का क्रमांक 24, जो ग्रामीणों के राजस्व संबंधी कार्यों का प्रमुख केंद्र होता है, पिछले कई दिनों से सीमेंट और निर्माण सामग्री के भंडारण स्थल में तब्दील हो गया है। इस स्थिति से ग्रामीणों में नाराज़गी और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत भवन के निर्माण कार्य के लिए लाई गई सीमेंट, गिट्टी एवं अन्य निर्माण सामग्री को सुरक्षित स्थान पर रखने के बजाय सीधे पटवारी कार्यालय में जमा कर दिया गया है। इससे कार्यालय की सामान्य कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो रही है। कार्यालय में भारी मात्रा में सीमेंट के बोरे रखे होने के कारण कर्मचारियों के बैठने, दस्तावेज़ों के रख-रखाव और आमजन के कामकाज में दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी कार्यालय में रोज़ाना भूमि रिकॉर्ड, नामांतरण, सीमांकन और अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के लिए लोग आते हैं। लेकिन निर्माण सामग्री के कारण न तो बैठने की उचित व्यवस्था रह गई है और न ही दस्तावेज़ों को संभालने का पर्याप्त स्थान बचा है। इससे न केवल ग्रामीणों को असुविधा हो रही है, बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों के काम करने की क्षमता पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि जब पंचायत भवन के निर्माण के लिए सामग्री लाई गई, तो उसे निर्धारित सुरक्षित स्थान पर न रखकर एक सरकारी कार्यालय में क्यों रखा गया। ग्रामीणों के अनुसार यह लापरवाही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकती है और विभागीय कार्यों की गरिमा व कार्यकुशलता को भी ठेस पहुंचा रही है। कार्यालय में रखे सीमेंट के बोरे नमी और अव्यवस्था के कारण खराब होने का भी खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण सामग्री को तत्काल पटवारी कार्यालय से हटाकर किसी उपयुक्त स्थान पर रखा जाए, ताकि राजस्व सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हो सकें। साथ ही उन्होंने यह भी अपील की है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बचने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जाए।
स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर शीघ्र कार्रवाई करेगा और पटवारी कार्यालय को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को समय पर और सुचारू रूप से राजस्व सेवाएं मिल सकें।