उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नए विधानसभा भवन का अंतिम निरीक्षण किया, राज्योत्सव पर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे लोकार्पण
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नवा रायपुर में नए छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का अंतिम निरीक्षण किया। भवन आधुनिक सुविधाओं, सांस्कृतिक प्रस्तुति और पेपरलेस संचालन के लिए तैयार है।

UNITED NEWS OF ASIA. परस साहू, रायपुर। उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने आज नवा रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का अंतिम दौर का निरीक्षण किया। उन्होंने भवन के लोकार्पण की तैयारियों का भी जायजा लिया। आगामी 1 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर इस भव्य विधानसभा भवन का लोकार्पण करेंगे।
नवीन विधानसभा भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस, सर्वसुविधायुक्त और तीन सेक्टरों में विभाजित है। इसे अगले 50 वर्षों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। भवन में पेपरलेस संचालन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। सदन की सीलिंग पर उकेरी गई धान की बालियां और ज्यादातर फर्नीचर बस्तर के शिल्पकारों द्वारा तैयार किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा की झलक दिखाई देती है।
उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा परिसर का भ्रमण कर अंतिम चरण के सिविल और फिनिशिंग कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और भवन में स्थापित एयर कंडीशनिंग चीलर प्लांट का अवलोकन किया। श्री साव ने बताया कि दीपावली के बाद शिफ्टिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह भवन केवल प्रशासनिक केंद्र नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक भी है। नए भवन में सभी आधुनिक तकनीकी और सुरक्षा सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिससे विधानसभा का संचालन सहज और पारदर्शी होगा।
उप मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर का भी निरीक्षण किया और राज्य स्थापना की रजत जयंती समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को समारोह के सफल और भव्य आयोजन के लिए निर्देश दिए।
श्री साव ने यह भी कहा कि 25 साल पहले वर्ष 2000 में रायपुर के राजकुमार कॉलेज में टेंट से शुरू हुई छत्तीसगढ़ विधानसभा को अब अपना भव्य भवन मिलने जा रहा है। नवीन भवन राज्य के लोकतंत्र और प्रशासनिक कार्यप्रणाली में एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
यह भवन न केवल आधुनिक है, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान और परंपरा को भी संरक्षित करता है। इसके लोकार्पण से राज्य का लोकतांत्रिक और प्रशासनिक स्वरूप और मजबूत होगा।