बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को लेकर अंबिकापुर में जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला संपन्न

अंबिकापुर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने बाल विवाह को गंभीर सामाजिक समस्या बताते हुए इसे समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।

Dec 16, 2025 - 12:19
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बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को लेकर अंबिकापुर में जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला संपन्न

UNITED NEWS OF ASIA. आकाश सोनकर, अंबिकापुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर सोमवार को जिला पंचायत सभाकक्ष, अंबिकापुर में जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शासन की मंशा के अनुरूप समाज के हर वर्ग को बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ जागरूक करना और अभियान को जमीनी स्तर तक सफल बनाना रहा।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष  निरुपा सिंह, उपाध्यक्ष  देवनारायण यादव, जिला पंचायत सदस्य  विजय अग्रवाल एवं दिव्या सिंह सिसोदिया, पार्षद आलोक दुबे, जिला प्रशासन के अधिकारी, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान वक्ताओं ने बाल विवाह के दुष्परिणामों, कानूनी प्रावधानों और इससे बच्चों के भविष्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।

जिला पंचायत अध्यक्ष  निरुपा सिंह ने कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को बाधित करती है। इसे समाप्त करने के लिए केवल शासन-प्रशासन ही नहीं, बल्कि समाज के प्रमुखों, संस्थाओं और आम नागरिकों को भी मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि निरंतर जनजागरूकता के माध्यम से ही हम बाल विवाह मुक्त समाज का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।

वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनारायण यादव ने समाज प्रमुखों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सामूहिक बैठकें आयोजित कर लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करें। पार्षद  आलोक दुबे ने बाल विवाह को एक सामाजिक कुरीति बताते हुए कहा कि कम उम्र में विवाह बच्चों के जीवन को संकटग्रस्त बना देता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किए जा रहे जागरूकता प्रयासों के साथ समाज की सक्रिय भागीदारी बेहद आवश्यक है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी  जे.आर. प्रधान ने अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन द्वारा 10 मार्च 2024 को “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” की शुरुआत की गई है। इस अभियान का लक्ष्य 31 मार्च 2028 तक पूरे राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि जिले में रैलियों, प्रतियोगिताओं, जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को लगातार सचेत किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण NFHS-5 (2019-2021) के अनुसार सरगुजा जिले में बाल विवाह की दर 38 प्रतिशत से घटकर 18.70 प्रतिशत रह गई है, जो प्रभावी प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने बाल विवाह मुक्त समाज के निर्माण के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लिया।