प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का आरोप: धान खरीदी, नकली दवा और बिजली नीति में सरकार की लापरवाही

दीपक बैज ने किसानों, महिलाओं और आम जनता पर प्रभाव डालती धान खरीदी, नकली दवाइयां और बिजली कटौती पर सरकार की लापरवाही पर चिंता जताई।

Oct 11, 2025 - 15:56
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का आरोप: धान खरीदी, नकली दवा और बिजली नीति में सरकार की लापरवाही

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने 11 अक्टूबर 2025 को पत्रकारों से चर्चा करते हुए राज्य सरकार की कई नीतियों और लापरवाही पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 1 नवंबर से धान खरीदी की घोषणा, किसानों की मांगों की अनदेखी है। इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि वास्तविक मूल्य 3286 रुपए होना चाहिए। 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को प्रति एकड़ 3906 रुपए का नुकसान होगा। कुल 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी में लगभग 2900 करोड़ रुपए सरकार किसानों का दबा लेगी।

दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में नकली कफ सिरप और अन्य दवाइयां धड़ल्ले से बिक रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री के दावे कि नकली दवा नहीं बिक रही, झूठे हैं। दो महीने से दवा की केमिकल जांच मशीन बंद है, जिससे सरकार बाजार में दवा की गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं कर पा रही।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने रीपा (रुरल इंडस्ट्रियल पार्क) के बंद होने से महिलाओं की बेरोजगारी की समस्या भी उठाई। बालोद जिले के अरमुरकसा गांव में महिलाएं कलेक्टर का घेराव करने आईं ताकि उनका रोजगार पुनः शुरू हो। उन्होंने सरकार की इस अदूरदर्शिता की निंदा की और मांग की कि ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं को पुनः चालू किया जाए।

बिजली कटौती और महंगी बिजली के मुद्दे पर दीपक बैज ने कहा कि सरकार की नाकामी और मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण जनता परेशान है। बिजली बिल हाफ योजना बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने आरंग के रसनी गांव में नेशनल हाईवे जाम की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सरकार की हर मोर्चे पर विफलता को दर्शाता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने संपूर्ण राज्य में इन नीतियों की तुरंत समीक्षा और सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की इन नीतियों से किसान, महिला और आम जनता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, और यदि सुधार नहीं हुआ तो कांग्रेस संघर्षरत वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेगी।