बोड़ला विकासखंड में कृत्रिम मधुमक्खी पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

आकांक्षी विकासखंड बोड़ला में कृत्रिम मधुमक्खी पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकों, उपकरणों के उपयोग और छत्तों की देखरेख की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने इसे आयवृद्धि और कृषि उत्पादकता बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बताया।

Oct 31, 2025 - 11:58
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बोड़ला विकासखंड में कृत्रिम मधुमक्खी पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

UNITED NEWS OF ASIA. बोड़ला। आकांक्षी विकासखंड बोड़ला के अंतर्गत आज दिनांक 30 अक्टूबर 2025 को कृत्रिम मधुमक्खी पालन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण वनमंडलाधिकारी श्री निखिल अग्रवाल के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीणों को वैकल्पिक आजीविका साधनों से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर बनाना था। कार्यक्रम में थूहापानी ग्राम के ग्रामीणों को कृत्रिम मधुमक्खी पालन की उन्नत तकनीकों से अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि मधुमक्खी पालन न केवल अतिरिक्त आय का स्रोत है बल्कि यह कृषि फसलों के प्राकृतिक परागण के माध्यम से उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि करता है।

इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को मधुमक्खियों के छत्तों की संरचना, उपकरणों के सही उपयोग, रानी मधुमक्खी के प्रबंधन, शहद निकालने की प्रक्रिया और छत्तों की देखभाल के व्यावहारिक तरीके बताए गए।

कार्यक्रम में डॉ. एन. सी. बंजारा एवं डॉ. सी. पी. रहंगडाले (कृषि विज्ञान केंद्र) ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मधुमक्खी पालन के लाभ समझाए। वहीं श्री गजेन्द्र कुमार चंद्रवंशी (वनक्षेत्रपाल) और विरेन्द्र राजपूत (सहायक प्रबंधक) ने कहा कि यह प्रशिक्षण ग्रामीणों की आय बढ़ाने और सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर कु. मयकुल मांडवी (वनपाल) और श्री नरेंद्र राजपूत (बीट प्रभारी) सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम ने ग्रामीण समुदाय में ग्रामोद्योग और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी आजीविका के प्रति नई जागरूकता पैदा की। यह पहल क्षेत्र में आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण दोनों को साथ लेकर चलने का सफल प्रयास है।