बाबा गुरु घासीदास जयंती पर बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल हुए शोभायात्रा में शामिल, दिया समानता और एकता का संदेश
बाबा गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दीं और सतनामी समाज की भव्य शोभायात्रा में शामिल होकर सत्य, अहिंसा और “मनखे-मनखे एक समान” के संदेश को दोहराया।
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | सत्य, अहिंसा और समानता के महान संदेशवाहक, सतनाम पंथ के प्रवर्तक परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के पावन अवसर पर बसना विधानसभा क्षेत्र में श्रद्धा और उत्साह का वातावरण देखने को मिला। इस शुभ अवसर पर बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने क्षेत्रवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सतनामी समाज द्वारा आयोजित भव्य शोभायात्रा में शामिल होकर बाबा जी को नमन किया।
विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने सतनामी समाज के चल समारोह में समाजजन के साथ कदम से कदम मिलाकर सहभागिता निभाई। शोभायात्रा के दौरान उन्होंने मार्ग में उपस्थित श्रद्धालुओं का आत्मीय स्वागत और अभिनंदन किया। जनसेवा की भावना को साकार करते हुए विधायक ने श्रद्धालुओं के बीच फल वितरण किया, जिससे आयोजन में उत्साह और बढ़ गया।
शोभायात्रा को संबोधित करते हुए विधायक डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी का अमर संदेश “मनखे-मनखे एक समान” आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना सदियों पहले था। यह संदेश समाज से ऊंच-नीच, भेदभाव और असमानता को समाप्त कर प्रेम, भाईचारे और मानवता की स्थापना का मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि बाबा जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर समाज सुधार का जो कार्य किया, वह आज के समय में भी जनकल्याण की दिशा में प्रेरणास्रोत है।
विधायक ने आगे कहा कि सतनाम का अर्थ ही सत्य है और सत्य के मार्ग पर चलने से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का कल्याण सुनिश्चित होता है। बाबा गुरु घासीदास जी की शिक्षाएं हमें दया, करुणा और समानता के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं। बसना क्षेत्र में सभी समाज मिलकर बाबा जी के विचारों को आत्मसात करें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर सफेद ध्वज और “बाबा गुरु घासीदास की जय” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने जैतखाम की विधिवत पूजा-अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली, शांति और समृद्धि की कामना की।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, भाजपा पदाधिकारियों, सतनामी समाज के प्रमुख पदाधिकारियों, गणमान्य नागरिकों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। बाबा गुरु घासीदास जयंती पर यह आयोजन सामाजिक एकता, समरसता और आध्यात्मिक चेतना का सशक्त संदेश लेकर सामने आया।