कोंडागांव में मछली पालन को बढ़ावा देने की पहल, 120 कृषकों को मिला आधुनिक प्रशिक्षण

कोंडागांव के कोपाबेड़ा मत्स्य बीज प्रक्षेत्र में 10 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान 120 कृषकों को आधुनिक मछली पालन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उत्पादन और आय में वृद्धि होगी।

Oct 17, 2025 - 18:24
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कोंडागांव में मछली पालन को बढ़ावा देने की पहल, 120 कृषकों को मिला आधुनिक प्रशिक्षण

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव। जिले में मछली पालन को आधुनिक, लाभदायक और टिकाऊ व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। कलेक्टर सुश्री नूपुर राशि पन्ना के मार्गदर्शन में शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र, कोपाबेड़ा में 10 दिवसीय “मछुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम” का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 08 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक चला और इसमें 120 कृषकों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य कृषकों और मत्स्य पालकों को आधुनिक तकनीकी जानकारी प्रदान कर उन्हें वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन करने हेतु सक्षम बनाना था। वित्तीय वर्ष 2025-26 के विभागीय योजनांतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से मत्स्य पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सशक्त धुरी के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया गया।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा मछली पालन की विभिन्न आधुनिक तकनीकों जैसे—पॉलीकल्चर, जल गुणवत्ता प्रबंधन, मत्स्य आहार निर्माण, प्रजनन तकनीक और रोग नियंत्रण पर विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को यह भी बताया गया कि किस प्रकार वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर उत्पादन में वृद्धि और आय में सुधार किया जा सकता है।

समापन समारोह में जनपद पंचायत कोंडागांव के उपाध्यक्ष टोमेन्द्र सिंह ठाकुर, श्रीमती फागेश्वरी कश्यप, उप संचालक मछली पालन एम.एल. राना, सहायक मत्स्य अधिकारी योगेश देवांगन, मत्स्य निरीक्षक कु. अस्मिता सिन्हा, कु. नोमेश्वरी दीवान, नवदीप ठाकुर और महेश बघेल उपस्थित रहे।

इस अवसर पर उप संचालक श्री एम.एल. राना ने कहा कि मछली पालन केवल जीविकोपार्जन का साधन नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम भी है। उन्होंने कृषकों से आग्रह किया कि वे इस प्रशिक्षण से सीखी गई तकनीकों को अपने खेत-तालाबों में प्रयोग कर उच्च उत्पादन प्राप्त करें।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। अधिकारियों ने कृषकों को मछली पालन को वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस प्रशिक्षण पहल से उम्मीद है कि जिले में मछली पालन क्षेत्र में रोजगार और उत्पादन दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी।