प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति विवाद मामले में आज फिर सुनवाई, कलेक्टर कार्यालय कड़ा सुरक्षा घेरा

प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति प्रमाण पत्र विवाद मामले में आज 11 दिसंबर को जिला कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई होगी। पिछली पेशी में हुए तनाव को देखते हुए प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर के 500 मीटर दायरे में धारा 144 लागू कर दी है और भारी सुरक्षा बल तैनात किया है। आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि विधायक ने पति की जाति के आधार पर गलत प्रमाण पत्र बनवाया है।

Dec 11, 2025 - 17:14
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प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति विवाद मामले में आज फिर सुनवाई, कलेक्टर कार्यालय कड़ा सुरक्षा घेरा

 UNITED NEWS OF ASIA. अली खान, बलरामपुर | छत्तीसगढ़। प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति प्रमाण पत्र विवाद मामले ने एक बार फिर राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल बढ़ा दी है। आज 11 दिसंबर को जिला कलेक्टर के न्यायालय में इस प्रकरण की महत्वपूर्ण सुनवाई निर्धारित है। सुनवाई के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, हंगामा या तनावपूर्ण माहौल को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने चौकसी कड़ी कर दी है।

कलेक्ट्रेट परिसर के 500 मीटर क्षेत्र में धारा 144 लागू

पिछली पेशी के दौरान कलेक्टर कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन और नोकझोंक की स्थिति बन गई थी, जिसके बाद प्रशासन इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। इसी के चलते कलेक्ट्रेट परिसर के 500 मीटर दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस क्षेत्र में चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस बल, फोर्स और दंगा नियंत्रण टीमों को भी तैनात किया गया है।

आदिवासी समाज का गंभीर आरोप

आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने विधायक शकुंतला पोर्ते पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि विधायक द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र गलत और भ्रामक है। समाज का दावा है कि प्रमाण पत्र उनके पति की जाति के आधार पर बनवाया गया, जबकि वास्तविक जातीय स्थिति भिन्न है। इसी को आधार बनाते हुए समाज ने प्रमाण पत्र की वैधता को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है।

प्रशासन सतर्क मोड में

प्रकरण संवेदनशील होने के कारण जिला प्रशासन पूर्ण सतर्कता के साथ व्यवस्था संभाल रहा है। पुलिस अधिकारियों की टीम लगातार हालात की समीक्षा कर रही है। एसडीएम, तहसीलदार और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुबह से ही कलेक्टर कार्यालय के आसपास मौजूद हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी परिस्थिति में कानून-व्यवस्था को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

लोगों में जुड़ाव और उत्सुकता

स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं में इस मामले को लेकर काफी उत्सुकता है। कई संगठन और सामाजिक समूह भी सुनवाई पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि प्रशासन की सख्ती के चलते आम लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।