नशामुक्ति का संकल्प: युवाओं ने लिया नशा छोड़ने और समाज को जागरूक करने का प्रण
इंदौर में श्रीमती कमलाबेन रावजीभाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में “नशा मुक्ति अभियान” के तहत प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें युवाओं ने नशा छोड़ने और समाज को जागरूक करने का संकल्प लिया।
UNITED NEWS OF ASIA. हसीब अख्तर, इंदौर । श्रीमती कमलाबेन रावजीभाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में “नशा मुक्ति अभियान” के तहत एक प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस. पी. सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा व्यक्ति के जीवन, परिवार और समाज तीनों को भीतर से कमजोर करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को नशा-मुक्त जीवन अपनाने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की शपथ दिलाई।
फिजियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ए. के. द्विवेदी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि — “नशा मुक्ति केवल एक सामाजिक अभियान नहीं, बल्कि आत्म-जागृति का संदेश है। नशा केवल शराब या सिगरेट तक सीमित नहीं है, आज का सबसे खतरनाक नशा मोबाइल और सोशल मीडिया की लत है।”
उन्होंने कहा कि जब शरीर विष के प्रभाव में होता है तो दवा से उपचार संभव है, लेकिन जब मन नशे का शिकार होता है — चाहे वह ड्रग्स का हो या मोबाइल का — तब उसका उपचार केवल संकल्प और संयम से ही संभव है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे डिजिटल डिटॉक्स अपनाएँ, अध्ययन और भोजन के समय मोबाइल से दूरी बनाएँ, स्क्रीन टाइम सीमित करें और योग, ध्यान, संगीत तथा खेल जैसी गतिविधियों में भाग लें।
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि होम्योपैथी केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा का भी उपचार करती है, और स्वस्थ मन के लिए नशा-मुक्त जीवन सर्वोत्तम औषधि है। उन्होंने कहा — “अगर हम युवा जाग जाएँ, तो पूरा समाज जाग जाएगा।”
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और उपस्थितजनों ने एक स्वर में संकल्प लिया —
“हम नशा नहीं करेंगे, और दूसरों को भी नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।”
डॉ. ए. के. द्विवेदी, जो देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली (मालवा प्रांत) के संयोजक हैं, समाज में सकारात्मक परिवर्तन और जन-जागरण के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. मुनीरा नाकी, डॉ. मनोजी बागुल सहित अनेक प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। संचालन डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने किया।
यह नशा मुक्ति अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि स्वस्थ, जागरूक और संयमित समाज की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हुआ।
