बच्चों के संग विद्यार्थी बने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कबीरधाम से हुई स्मार्ट क्लासरूम क्रांति की शुरुआत
कबीरधाम जिले के ग्राम बिरकोना से उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कवर्धा विकासखंड के 17 शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम सुविधा का शुभारंभ किया। इस दौरान वे स्वयं विद्यार्थियों के साथ बैठकर डिजिटल बोर्ड से पढ़ाई में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह पहल शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है, जिससे विज्ञान और गणित जैसे विषय अब और सरल व रोचक बनेंगे। पहले चरण में 17 स्कूलों को जोड़ा गया है, जिसे आगे 74 विद्यालयों तक विस्तार दिया जाएगा।
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर/कबीरधाम। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के ग्राम बिरकोना स्थित उच्चतर माध्यमिक शाला से कवर्धा विकासखंड के 17 शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम सुविधा का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ बैठकर स्वयं भी डिजिटल बोर्ड से पढ़ाई की और ‘हृदय की संरचना’ व ‘बैटरी की कार्यप्रणाली’ जैसे विषयों पर कक्षा में भागीदारी की।
उन्होंने कहा कि यह केवल तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि शिक्षा संस्कृति में एक क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत है। डिजिटल बोर्ड और इंटरएक्टिव लर्निंग की मदद से अब विज्ञान और गणित जैसे विषय विद्यार्थियों के लिए आकर्षक और सहज बन सकेंगे। श्री शर्मा ने शिक्षकों को डिजिटल वीडियो लाइब्रेरी विकसित करने और विद्यालयों के बीच ज्ञान-विनिमय तंत्र तैयार करने की सलाह दी, ताकि हर छात्र तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँच सके।
कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 17 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा प्रारंभ की गई है, जबकि एचडीएफसी बैंक के सीएसआर मद से आगे 33 अन्य विद्यालयों को जोड़ा जाएगा। इस प्रकार जिले के कुल 74 विद्यालयों को स्मार्ट क्लास के रूप में सुसज्जित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “यह परियोजना केवल उपकरणों की आपूर्ति नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में विषयगत समझ, प्रतिस्पर्धात्मक दृष्टिकोण और डिजिटल आत्मनिर्भरता का विकास करेगी।” उन्होंने शिक्षकों से सप्ताहवार शैक्षणिक शेड्यूल तैयार करने और बच्चों की मानसिक व व्यवहारिक मजबूती के लिए काउंसलिंग व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर श्री शर्मा ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण किया तथा सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि “सच्ची शिक्षा वह है जो जीवन के मूल्यों को स्थापित करे, और समाज को दिशा दे।”
कबीरधाम जिले में शुरू हुई यह पहल न केवल शिक्षा में तकनीकी बदलाव की मिसाल बनेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भारत की वास्तविक तस्वीर भी प्रस्तुत करेगी।