दिल्ली के बस अड्डों पर चार्जिंग स्टेशन, शहर में जल्द दौड़ेंगी 8,000 इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली सरकार राजधानी में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाकर 8,000 करने की तैयारी में है। इसके तहत प्रमुख अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे बसों को डिपो ले जाए बिना ही चार्ज किया जा सकेगा और सार्वजनिक परिवहन अधिक सुचारू होगा।
UNITED NEWS OF ASIA.नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को हरित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को तेजी से बढ़ाते हुए इसे 8,000 तक पहुंचाने की तैयारी में है। इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए शहर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि इलेक्ट्रिक बसों को चार्जिंग के लिए डिपो तक न ले जाना पड़े, जिससे समय और संसाधनों की बचत हो सके।
इसी क्रम में दिल्ली के तीन बड़े अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की योजना है। इन चार्जिंग स्टेशनों पर बसों को मात्र एक घंटे में पूरी तरह चार्ज किया जा सकेगा। इससे बसों का टर्नअराउंड टाइम कम होगा और यात्रियों को समय पर बस सेवाएं मिल सकेंगी। इन चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण पर लगभग 17 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
इस परियोजना को दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (DTIDC) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। डीटीआईडीसी ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिसकी अंतिम तिथि 10 दिसंबर को समाप्त हो चुकी है। अब टेंडर खोलने और योग्य फर्म के चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, फर्म के चयन के तुरंत बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा और लगभग छह महीने में चार्जिंग स्टेशन तैयार कर लिए जाएंगे।
इन चार्जिंग स्टेशनों के शुरू होने से बस संचालन में बड़ा बदलाव आएगा। बसों को चार्जिंग के लिए डिपो भेजने की आवश्यकता नहीं रहेगी, जिससे परिचालन समय बचेगा और सड़कों पर बसों की उपलब्धता बढ़ेगी। साथ ही, इससे ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आने की उम्मीद है, क्योंकि बसों की आवाजाही अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगी।
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बात करें तो जनवरी 2026 तक उसकी पूरी फ्लीट को पूरी तरह इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल डीटीसी के पास लगभग 149 सीएनजी बसें हैं, लेकिन जनवरी तक उनकी निर्धारित आयु पूरी हो जाएगी और उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग करीब 2,700 नई बसों की खरीद की तैयारी कर रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ेगी, उसी अनुपात में चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार भी किया जाएगा। यह पहल न केवल प्रदूषण कम करने में सहायक होगी, बल्कि दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ, सुलभ और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने में भी अहम भूमिका निभाएगी।