“शिक्षा में जीवन विद्या का समावेश: खुशहाली और समृद्धि के साथ जीना सिखाएगा नया पाठ्यक्रम”

रायपुर में जीवन विद्या शिविर में वक्ताओं ने कहा कि जैसे इंजीनियर या डॉक्टर बनाए जा सकते हैं, वैसे ही शिक्षा के माध्यम से खुशहाल और समृद्ध मानव तैयार किए जा सकते हैं।

Oct 13, 2025 - 11:35
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“शिक्षा में जीवन विद्या का समावेश: खुशहाली और समृद्धि के साथ जीना सिखाएगा नया पाठ्यक्रम”

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। अभ्युदय संस्थान अछोटी और श्री अग्रसेन सभा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जीवन विद्या परिचय शिविर के छठवें दिन रविवार को “परिवार और समाज में संबंध” विषय पर चर्चा हुई। प्रबोधक सोमदेव त्यागी ने कहा कि जिस प्रकार पाठ्यक्रम के माध्यम से एक छात्र को इंजीनियर, डॉक्टर या वकील बनाया जा सकता है, उसी प्रकार शिक्षा के माध्यम से एक अच्छा, संतुलित और खुशहाल मानव भी तैयार किया जा सकता है।



उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि मानव चेतना विकास के माध्यम से ऐसे नागरिक तैयार करना है जो समाज और प्रकृति दोनों के प्रति जिम्मेदारी निभा सकें। यदि विद्यालयों में परिवार, संबंध, और मानवता जैसे विषयों को व्यवहारिक रूप से पढ़ाया जाए, तो शिकायतमुक्त, अभावमुक्त और समृद्ध जीवन संभव है।

 

कार्यक्रम में बताया गया कि जीवन विद्या शिविर अग्रहार नागराज द्वारा प्रतिपादित अस्तित्व मूलक मानव केंद्रित चिंतन – मध्यस्थ दर्शन पर आधारित है। श्री त्यागी ने कहा कि भारत के ऋषि-मुनियों ने आत्मज्ञान और मानवीय मूल्यों पर जो विचार दिए थे, वे आज भी प्रासंगिक हैं। आधुनिक युग में बच्चों की तर्कशक्ति विकसित हो चुकी है, इसलिए शिक्षा का तरीका भी वैज्ञानिक और तार्किक होना चाहिए।

 

उन्होंने बताया कि “चेतना विकास मूल्य शिक्षा” ऐसी प्रणाली है जो छात्रों में नैतिकता, सह-अस्तित्व और आत्मविश्वास का विकास करती है। यही दर्शन आगे चलकर दिल्ली सरकार के हैप्पीनेस करिकुलम की नींव बना, जिसे अमेरिका की तत्कालीन प्रथम महिला मेलेनिया ट्रम्प ने भी सराहा था।

 

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि यह कोर्स देश के 12 राज्यों में चल रहा है और अब छत्तीसगढ़ में भी इसे स्कूली शिक्षा में शामिल करने की दिशा में पहल की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि जब इंसान अपनी उपयोगिता और उद्देश्य को समझता है, तो वह न केवल अपने परिवार बल्कि समाज और धरती की खुशहाली में योगदान दे सकता है।

श्री अग्रसेन धाम, छोकरानाला में आयोजित इस शिविर में देशभर से आए 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जीवन विद्या शिविर का समापन सोमवार, 13 अक्टूबर को किया जाएगा।