हाईकोर्ट से छत्तीसगढ़ के फार्मेसी कॉलेजों को राहत, 60 सीटों पर एडमिशन की अनुमति

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फार्मेसी कॉलेजों को बड़ी राहत देते हुए 60 सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी। कॉलेजों को छह माह के भीतर अधोसंरचना व स्टाफ की खामियां सुधारने के निर्देश दिए।

Oct 18, 2025 - 13:18
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हाईकोर्ट से छत्तीसगढ़ के फार्मेसी कॉलेजों को राहत, 60 सीटों पर एडमिशन की अनुमति

UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के फार्मेसी कॉलेजों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन कॉलेजों को 60 सीटों पर प्रवेश की अनुमति दे दी है, जिनके खिलाफ तकनीकी विश्वविद्यालय ने मान्यता संबंधी खामियों के चलते रोक लगाई थी। इस फैसले से प्रदेश के सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य पर छाए अनिश्चितता के बादल हट गए हैं।

मामला छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के आदेश से जुड़ा था, जिसमें कई फार्मेसी संस्थानों की 60 सीटों पर एडमिशन की अनुमति रोक दी गई थी। विश्वविद्यालय का कहना था कि इन कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों का अभाव और अधोसंरचना से जुड़ी अन्य कमियां हैं। इसके विरोध में कॉलेज प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद कॉलेजों को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि फिलहाल उन्हें 60 सीटों पर एडमिशन की अनुमति दी जाती है। हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी संस्थान अपनी अधोसंरचना, प्रयोगशाला और शिक्षण स्टाफ की कमियों को छह माह के भीतर सुधार लें। यदि निर्धारित अवधि में आवश्यक सुधार नहीं किए गए, तो उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है।

अदालत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता, लेकिन छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल राहत प्रदान की जा रही है। इस आदेश के बाद राज्यभर के फार्मेसी कॉलेजों में सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।

राज्य के कॉलेज प्रबंधनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश से छात्रों का भविष्य सुरक्षित हुआ है और संस्थानों को सुधार का अवसर मिला है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि अदालत के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा और निर्धारित समयावधि में निरीक्षण की प्रक्रिया भी की जाएगी।

हाईकोर्ट के इस फैसले से जहां छात्रों को समय पर प्रवेश की सुविधा मिलेगी, वहीं कॉलेजों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है।