नक्सल पीड़ित परिवारों की चेतावनी – 30 सितंबर तक नहीं मिला हक तो रायपुर तक पदयात्रा
कांकेर जिले में नक्सल पीड़ित परिवारों की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। पीड़ितों ने कहा कि यदि 30 सितंबर तक पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिला, तो राजनांदगांव से रायपुर तक विशाल पदयात्रा निकाली जाएगी। पीड़ित परिवार शासकीय नौकरी, आर्थिक सहायता, आवास और बच्चों की शिक्षा जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।

UNITED NEWS OF ASIA. राजेंद्र मंडावी, कांकेर। कांकेर जिले में आयोजित नक्सल पीड़ित परिवारों की बैठक में शासन-प्रशासन के खिलाफ बड़ा निर्णय लिया गया। बैठक में सैकड़ों प्रभावित परिवार शामिल हुए और उन्होंने आरोप लगाया कि पुनर्वास नीति का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिला है।
पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने पहले ही राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था और 30 सितंबर तक पुनर्वास योजना के तहत लाभ देने की अपील की थी। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर अब परिवारों ने आंदोलन का रास्ता चुनने का निर्णय लिया है।
बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि यदि तय समय सीमा तक शासन की ओर से ठोस पहल नहीं की जाती, तो राजनांदगांव से रायपुर तक विशाल पदयात्रा निकाली जाएगी। इसमें न केवल कांकेर बल्कि सभी नक्सल प्रभावित जिलों के परिवार शामिल होंगे।
पीड़ित परिवारों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं –
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शासकीय नौकरी का प्रावधान
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आर्थिक सहायता
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स्थायी आवास की सुविधा
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बच्चों की शिक्षा की गारंटी
बैठक में शामिल हिरनमय विश्वास ने कहा –
“नक्सल पीड़ित परिवार अब एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। यदि हमारी जायज मांगों को अनसुना किया गया तो हम पदयात्रा और आंदोलन के जरिए अपनी आवाज रायपुर तक पहुंचाएंगे।”
नक्सल पीड़ित परिवारों की इस हुंकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो छत्तीसगढ़ में एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।