मानपुर में 15वां गौरा-गौरी विवाह महोत्सव धूमधाम से संपन्न, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाई रौनक

मानपुर के कोसाराव पारा में आयोजित 15वां गौरा-गौरी विवाह महोत्सव बड़े उत्साह और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ। बारात, परंपरागत गीत-संगीत और रिकॉन्डिंग डांस प्रतियोगिता ने महोत्सव को और जीवंत बना दिया। विद्यालयों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय समाज की भागीदारी से यह आयोजन यादगार रहा।

Oct 26, 2025 - 12:30
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मानपुर में 15वां गौरा-गौरी विवाह महोत्सव धूमधाम से संपन्न, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाई रौनक

UNITED NEWS OF ASIA. जावेद खान, मोहला-मानपुर। मानपुर के कोसाराव पारा (गौरा चौक) में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी गौरा-गौरी विवाह महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यह महोत्सव बाल कृष्ण गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष ऋषभ ठाकुर के नेतृत्व में विगत 14 वर्षों से सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है। इस बार 15वें वर्ष के अवसर पर महोत्सव का शुभारंभ करवा चौथ को गौरा-गौरी और गणपति जी की मूर्तियों की स्थापना के साथ हुआ।

 

महोत्सव के मुख्य आकर्षणों में पारंपरिक गड़वा बाजे के साथ निकली भव्य बारात शामिल रही। लक्ष्मी पूजा के रात्रि भगवान शिव (गौरा) और माता पार्वती (गौरी) के विवाह पर प्रतिमा श्रृंगार के बाद बारात निकाली गई और गौरा-गौरी की परिक्रमा के साथ विवाह की रीति-रिवाज संपन्न किए गए। गाँव की माताओं और बहनों द्वारा गाए गए मंगलगीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

इस वर्ष महोत्सव में रिकॉन्डिंग डांस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न समूहों और प्रतिभागियों ने भाग लिया। सामूहिक नृत्य में प्रथम स्थान माता के महिमा डांस परिवार डोमहाटोला खैरागढ़, द्वितीय स्थान जय माँ बंजारी डांस ग्रुप जिला शक्ति, तृतीय स्थान बस्तरिया डांस ग्रुप अंतागढ़ ने प्राप्त किया। युगल और एकल नृत्य प्रतियोगिताओं में भी प्रतिभागियों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ दी।

मुख्य अतिथि दर्जा पंचायत उपाध्यक्ष भोजेश शाह मंडावी, जिला पंचायत सदस्य सुशीला भंडारी, जनपद उपाध्यक्ष देवानंद कौशिक समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने महोत्सव की भव्यता और सांस्कृतिक महत्व की सराहना की। समिति के संरक्षक, अध्यक्ष और सदस्य सहित समस्त ग्रामवासियों ने आयोजन में सक्रिय योगदान देकर इसे सफल बनाया।

महोत्सव के समापन अवसर पर गौरा-गौरी विसर्जन किया गया और भाई दूज पर शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और प्रसादी का वितरण किया।

ऋषभ ठाकुर ने कहा कि यह महोत्सव केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति और पारंपरिक रीति-रिवाजों का जीवंत रूप है। ग्रामीण समाज की सक्रिय भागीदारी और सांस्कृतिक उत्साह ने इसे एक यादगार आयोजन बना दिया।

इस प्रकार, 15वां गौरा-गौरी विवाह महोत्सव स्थानीय संस्कृति, भक्ति और सामुदायिक एकता का प्रतीक बनकर समाप्त हुआ।