सोमनापुर में बेटे के जन्मदिन पर शमी पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण का संदेश

सोमनापुर निवासी तामेश्वर सेन ने अपने बेटे संस्कार सेन के जन्मदिन के अवसर पर भगवान शिव मंदिर परिसर में शमी पौधारोपण किया। इस पहल के माध्यम से उन्होंने "पौधे लगायें, पर्यावरण बचाएं" का संदेश दिया। पौधारोपण में पूरे परिवार और स्थानीय गणमान्य लोग शामिल हुए।

Oct 26, 2025 - 12:42
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सोमनापुर में बेटे के जन्मदिन पर शमी पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण का संदेश

UNITED NEWS OF ASIA. सोमनापुर/कवर्धा। पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने वाली एक प्रेरक पहल के तहत, सोमनापुर निवासी तामेश्वर सेन ने अपने बेटे संस्कार सेन के जन्मदिन के अवसर पर भगवान शिव मंदिर परिसर में शमी पौधारोपण किया। यह कार्यक्रम न केवल जन्मदिन की खुशी को विशेष बनाने वाला था, बल्कि इसके माध्यम से उन्होंने समाज में "पौधे लगायें, पर्यावरण बचाएं" का संदेश भी दिया।

तामेश्वर सेन ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण समिति पंडरिया से प्रेरणा लेकर वे हर खुशी के पर्व पर पौधारोपण कर यह संदेश फैलाने का प्रयास करते हैं। इस अवसर पर उनके परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे, जिनमें दादा-दादी, छोटे दादी संतोषी सेन, फूफा बबलू सेन, प्रहलाद सेन, मौसा विनोद सेन (शिक्षक), मामा ब्रजेश सेन (प्रधानपाठक) और मां अनिता सेन (आं बा. कार्यकर्ता) शामिल थे। साथ ही परिवार के छोटे बच्चों और अन्य रिश्तेदारों ने भी पौधारोपण में सक्रिय भागीदारी दिखाई।

भगवान शिव मंदिर परिसर में लगाया गया शमी पौधा धार्मिक, आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके पत्ते और पुष्प भगवान शंकर और भगवान शनिदेव को अति प्रिय हैं और इसे ग्रह शांति का प्रतीक भी माना जाता है। शमी के पौधों की जड़ मिट्टी की कटाई को रोकने में मदद करती है और यह प्राकृतिक रूप से पर्यावरण संरक्षण में योगदान देती है।

कार्यक्रम के दौरान परिवार के सभी सदस्य पौधारोपण के महत्व और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए उत्साहित दिखाई दिए। बच्चों को भी इस पहल में शामिल कर उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के महत्व और पौधारोपण की आदत अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस सुअवसर पर पूरे परिवार ने मिलकर शमी पौधे का रोपण किया और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को समुदाय तक पहुँचाने का संकल्प लिया। तामेश्वर सेन की यह पहल स्थानीय समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी और इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि छोटे प्रयास भी बड़े सामाजिक और पर्यावरणीय बदलाव ला सकते हैं।

इस प्रकार, संस्कार सेन के जन्मदिन का यह आयोजन सिर्फ पारिवारिक खुशी नहीं, बल्कि हरित संदेश और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बनकर यादगार साबित हुआ।