आलीराजपुर में फर्जी बंगाली डॉक्टर के क्लिनिक पर छापा, अवैध क्लिनिक सील, दवाइयां जप्त
आलीराजपुर में कलेक्टर नीतू माथुर के निर्देश पर एसडीएम तपीश पांडे ने सोरवा नाके स्थित एक फर्जी बंगाली डॉक्टर के क्लिनिक पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां जप्त कीं और अवैध क्लिनिक को सील कर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए।
UNITED NEWS OF ASIA. मुस्तकीन मुंगल, आलीराजपुर। जिले में फर्जी और अवैध रूप से चिकित्सा कार्य कर रहे कथित बंगाली डॉक्टरों एवं बिना वैध डिग्री के क्लिनिक संचालकों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। कलेक्टर नीतू माथुर के स्पष्ट निर्देशों के पालन में शनिवार को एसडीएम तपीश पांडे ने नगर के सोरवा नाके पर स्थित एक फर्जी बंगाली डॉक्टर के क्लिनिक पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अवैध रूप से संचालित क्लिनिक से बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां जप्त की गईं और क्लिनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया।
प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान जब एसडीएम तपीश पांडे टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तब क्लिनिक संचालक दिलीप राय, जिसे स्थानीय लोग बंगाली डॉक्टर के नाम से जानते हैं, मौके पर मौजूद नहीं पाया गया। जांच में सामने आया कि संबंधित व्यक्ति बिना किसी मान्य मेडिकल डिग्री और पंजीकरण के एलोपैथिक दवाओं का उपयोग कर मरीजों का इलाज कर रहा था, जो कानूनन गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
एसडीएम द्वारा क्लिनिक में रखी दवाइयों की जांच की गई, जिसमें विभिन्न प्रकार की एलोपैथिक दवाएं पाई गईं। इन दवाओं को जप्त कर विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत जब्ती सूची तैयार की गई। साथ ही अवैध क्लिनिक को सील करते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक कानूनी कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार के फर्जी क्लिनिक आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना योग्यता और लाइसेंस के इलाज करने से मरीजों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। कलेक्टर नीतू माथुर ने पहले ही जिलेभर में ऐसे अवैध चिकित्सकों और क्लिनिकों के खिलाफ सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि इलाज के लिए केवल पंजीकृत और योग्य डॉक्टरों से ही संपर्क करें तथा किसी भी संदिग्ध क्लिनिक या फर्जी डॉक्टर की जानकारी तत्काल प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को दें। आगे भी जिले में इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी, ताकि अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।