साइबर ठगी का खुलासा — कुछ पैसों के लालच में बैंक अकाउंट स्कैमर को सौंपने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया जिन्होंने मामूली कमिशन के लालच में अपने बैंक अकाउंट साइबर ठगों को दिए। जॉब स्कैम के जरिए ठगी की रकम इन्हीं खातों से ट्रांसफर होती थी।

Oct 16, 2025 - 11:46
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साइबर ठगी का खुलासा — कुछ पैसों के लालच में बैंक अकाउंट स्कैमर को सौंपने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

UNITED NEWS OF ASIA. दिल्ली। राजधानी दिल्ली में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। मामूली पैसों के लालच में अपने बैंक खातों को साइबर ठगों के हवाले करने वाले दो लोगों को आउटर नॉर्थ जिले की साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन जॉब स्कैम के जरिए ठगी की रकम ट्रांसफर करने में किया जा रहा था।

डीसीपी हरेश्वर स्वामी के मुताबिक, मामला रोहिणी सेक्टर-28 की एक महिला की शिकायत से शुरू हुआ, जिसने बताया कि खुद को जॉब कंसल्टेंट बताकर एक शख्स आशीष साहनी ने उनसे संपर्क किया और पैनल एडवोकेट की नौकरी दिलाने के नाम पर ₹39,498 की रजिस्ट्रेशन फीस वसूली। न तो नौकरी मिली और न ही पैसे लौटाए गए। शिकायत पर पुलिस ने साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कर जांच शुरू की।

तकनीकी जांच में पता चला कि यह रकम तीन अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिए एक ऐक्सिस बैंक अकाउंट में जमा की गई, जो आगे एक निजी फाइनेंस बैंक में ट्रांसफर की गई थी। बैंक खातों के होल्डर की पहचान मोहम्मद अकबर और संजय अहिरवाल के रूप में हुई। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए उनके ठिकानों का पता लगाकर रेड की और दोनों को गिरफ्तार किया।

पूछताछ में पता चला कि यह लोग बेरोजगार थे और ठगों को 10% कमीशन के बदले अपने बैंक अकाउंट किराए पर देते थे। आगे जांच में रूपेंद्र कुमार और इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड प्रद्युम्न पांडे का नाम भी सामने आया, जो ऑनलाइन जॉब फ्रॉड से जुड़ा हुआ था। यह गिरोह लोगों से ठगी की रकम अपने नेटवर्क के खातों में इकट्ठा करता था और आगे ट्रांसफर कर देता था।

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन, एक पासबुक, चेकबुक और सिम कार्ड बरामद किए हैं।

डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट पर विश्वास कर अपने बैंक अकाउंट की जानकारी, ओटीपी या पहचान पत्र साझा न करें। कोई भी भुगतान करने से पहले संबंधित जॉब पोर्टल या कंपनी की सत्यता अवश्य जांचें। किसी भी साइबर ठगी की स्थिति में तत्काल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें।

यह मामला एक सख्त चेतावनी है कि कुछ पैसों की लालच में अपनी बैंक जानकारी साझा करना जेल की सलाखों के पीछे ले जा सकता है।