कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव बने निःक्षय मित्र, टीबी मरीज को प्रदान किया पोषण आहार

सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने निःक्षय मित्र अभियान के तहत टीबी मरीज को पोषण आहार प्रदान किया और टीबी उन्मूलन हेतु सामुदायिक सहयोग का आह्वान किया।

Oct 17, 2025 - 18:17
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कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव बने निःक्षय मित्र, टीबी मरीज को प्रदान किया पोषण आहार

UNITED NEWS OF ASIA. रिजेंट गिरी, सुकमा। जिला कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव ने शुक्रवार को निःक्षय मित्र अभियान के तहत टीबी मरीज को पोषण आहार प्रदान कर मानवता और स्वास्थ्य जागरूकता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने टीबी मरीज रामसिंग चमरूराम (आयु 40 वर्ष), निवासी दोरनापाल को पोषण सामग्री भेंट करते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

 

कलेक्टर श्री ध्रुव ने इस अवसर पर कहा कि “टीबी उन्मूलन में केवल स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक का सहयोग आवश्यक है।” उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे “निःक्षय मित्र” अभियान का उद्देश्य टीबी मरीजों को पोषण और भावनात्मक सहयोग प्रदान करना है ताकि वे शीघ्र स्वस्थ हो सकें।

कलेक्टर ने जिले के सक्षम व्यक्तियों, संस्थानों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे आगे आकर टीबी मरीजों को गोद लें और उन्हें नियमित रूप से आवश्यक पोषण उपलब्ध कराएँ। उन्होंने कहा कि प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज के संयुक्त प्रयासों से सुकमा जिला जल्द ही “टीबी मुक्त सुकमा” का लक्ष्य प्राप्त करेगा।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्तमान में जिले में 427 टीबी मरीज उपचाराधीन हैं। सभी मरीजों को नियमित रूप से दवा उपलब्ध कराई जा रही है और उनके पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक आहार भी दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक मरीज के लिए पोषण किट में दाल, चावल, तेल, अंडे और पौष्टिक अनाज जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थ शामिल किए गए हैं।

इस अवसर पर डीपीपीएम सुश्री गीतू हरित, जिला पीपीएम समन्वयक श्री नवीन पाठक सहित स्वास्थ्य विभाग का पूरा दल उपस्थित रहा। कार्यक्रम के दौरान टीबी उन्मूलन अभियान की प्रगति की समीक्षा भी की गई और मरीजों के स्वास्थ्य लाभ के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा हुई।

कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के इस पहल से जिले में समाजसेवी और संस्थाओं में निःक्षय मित्र अभियान के प्रति नई ऊर्जा आई है। प्रशासन का यह प्रयास सुकमा को “टीबी मुक्त जिला” बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।