बिहान स्वदेशी बाजार बना आकर्षण का केंद्र, महिला समूहों के उत्पादों ने जीता लोगों का दिल
कवर्धा में आयोजित तीन दिवसीय “बिहान स्वदेशी बाजार” में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों ने नागरिकों को खूब आकर्षित किया, 30 हजार से अधिक की बिक्री दर्ज हुई।

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शहर के वीर सावरकर भवन में 16 से 18 अक्टूबर तक “बिहान स्वदेशी बाजार” का आयोजन किया गया। “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” के संदेश के साथ आयोजित इस बाजार में जिले के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्वदेशी वस्तुएं प्रदर्शित और विक्रय हेतु रखी गईं। दीपावली पर्व से पहले आयोजित इस बाजार में नागरिकों की भारी भीड़ उमड़ी और दो दिनों में 30,000 रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अजय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय स्तर पर निर्मित विविध उत्पादों जैसे मिट्टी के दीये, मूर्तियां, बांस से बनी वस्तुएं, आचार, पापड़-बड़ी, हल्दी, मिर्च, धनिया, मसाले, नमकीन, कुकीज, ऑर्गेनिक गुड़, कोदो-कुटकी, ब्लैक राइस आदि का स्टॉल लगाया गया। दीपावली के अवसर पर लोगों ने रंग-बिरंगे दीये, मूर्तियां और खाद्य पदार्थों के गिफ्ट हैंपर को खूब पसंद किया। सभी वस्तुएं बहुत ही किफायती दरों पर उपलब्ध कराई गईं, जिससे नागरिकों ने उत्साहपूर्वक खरीदारी की।
इसके अलावा स्वदेशी बाजार में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद भी लोगों को खूब भाया। यहां गरमा-गरम चिला, चौसेला, साबूदाना बड़ा और अन्य पारंपरिक व्यंजन बेहद कम दरों पर उपलब्ध रहे, जिससे यह बाजार स्थानीय स्वाद और संस्कृति का संगम बन गया।
स्वदेशी बाजार का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाना है। कबीरधाम जिले में इस आयोजन के माध्यम से न केवल महिला समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिला, बल्कि स्थानीय उत्पादों के उपयोग को भी बढ़ावा मिला।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी इस आयोजन की सराहना की है। मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स — LinkedIn, X (Twitter) और Facebook पर छत्तीसगढ़ के “बिहान स्वदेशी बाजार” की प्रशंसा करते हुए लिखा, “हर घर स्वदेशी, हर दीया आशा की लौ के संदेश के साथ छत्तीसगढ़ मना रहा है आत्मनिर्भर दीपावली।” कबीरधाम की दीदियों द्वारा बनाए गए स्वदेशी उत्पाद आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरणादायक पहल साबित हो रहे हैं।