सरायपाली को जिला बनाने की मांग फिर से जोर पकड़ रही, 2015 से लगातार उठ रही है आवाज
सरायपाली को जिला बनाने की मांग वर्ष 2015 से लगातार उठ रही है। अमृत पटेल ने सर्वदलीय मंच से यह मांग शुरू की थी। 2021 में भाजपा ने भी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। 2025 में कांग्रेस विधायक चातुरी नंद ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपकर इस मांग को पुनः जोर दिया।

UNITED NEWS OF ASIA. जगदीश पटेल, सरायपाली। सरायपाली को जिला बनाने की मांग वर्ष 2015 से लगातार उठती रही है और अब 2025 में यह फिर चर्चा के केंद्र में है। पहली बार इस मांग को तत्कालीन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अमृत पटेल ने उठाया था। उन्होंने सर्वदलीय मंच के माध्यम से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। अमृत पटेल का कहना था कि सरायपाली का भौगोलिक क्षेत्र, जनसंख्या और प्रशासनिक आवश्यकता इसे जिला बनाने के सभी मानदंडों पर खरा ठहराती है।
वर्ष 2021 में भाजपा ने भी सरायपाली को जिला बनाने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। अब 2025 में कांग्रेस विधायक चातुरी नंद ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपते हुए इस लंबे समय से लंबित मुद्दे पर जोर दिया है।
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का मानना है कि सरायपाली को जिला बनाए जाने से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, विकास योजनाओं की गति बढ़ेगी और लोगों को दूरस्थ जिलों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि अब जब प्रमुख राजनीतिक दल इस मांग पर एकमत हैं, सरकार के लिए इसे लागू करना महत्वपूर्ण हो गया है। सरायपाली की ऐतिहासिक, भौगोलिक और जनसांख्यिकीय विशेषताएं इसे जिला बनाने के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं।
यदि सरायपाली को जिला का दर्जा मिलता है, तो क्षेत्र के लोगों को स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक और विकास कार्यों में सुविधा मिलेगी और आर्थिक व सामाजिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
➡️ वर्ष 2015 में अमृत पटेल ने सर्वदलीय मंच से ज्ञापन सौंपकर और धरना प्रदर्शन करके सरायपाली को जिला बनाने की मांग शुरू की।
➡️ वर्ष 2021 में भाजपा ने इस मांग को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया।
➡️ वर्ष 2025 में विधायक चातुरी नंद ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपकर मांग को पुनः जोर दिया।