महिला आयोग का सख्त रुख: सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल की शिक्षिकाओं को 1 सप्ताह में बहाल कर पुरानी कार्यकारिणी को पुनः स्थापित करने के निर्देश

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल में निलंबित की गई शिक्षिकाओं को एक सप्ताह के भीतर बहाल करने और पुरानी कार्यकारिणी को पुनः स्थापित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। आयोग ने रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी को पत्र भेजकर औचक निरीक्षण और आदेश पालन की जिम्मेदारी तय की है। सुनवाई के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि वर्तमान कार्यकारिणी को पहले ही निरस्त कर दिया गया है और निलंबन आदेश भी स्थगित हैं। आयोग ने कहा कि शिक्षिकाओं का भविष्य सुरक्षित रखना और शैक्षणिक सत्र को प्रभावित न होने देना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

Oct 7, 2025 - 17:44
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महिला आयोग का सख्त रुख: सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल की शिक्षिकाओं को 1 सप्ताह में बहाल कर पुरानी कार्यकारिणी को पुनः स्थापित करने के निर्देश

UNITED NEWS OF ASIA. हसीब अख्तर, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल से जुड़े शिक्षिकाओं के उत्पीड़न और अवैध निलंबन के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित 347वीं (राज्य स्तर) और 166वीं (रायपुर जिले की) जनसुनवाई में यह निर्णय लिया गया।

प्रकरण में आवेदिकाओं ने शिकायत की थी कि प्रभारी प्राचार्य और प्रबंधन समिति द्वारा न केवल उनका वेतन और भविष्य निधि जमा नहीं किया गया, बल्कि बार-बार नोटिस जारी कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि आयोग की कार्यवाही के बीच ही छह शिक्षिकाओं को जानबूझकर निलंबित कर दिया गया।

महिला आयोग ने बताया कि संस्था की वर्तमान कार्यकारिणी को पहले ही रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी द्वारा निरस्त कर दिया गया है और निलंबन आदेश भी स्थगित कर दिए गए हैं। ऐसे में आयोग ने निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर पुरानी कार्यकारिणी को पुनः स्थापित किया जाए और शिक्षिकाओं को उनके पदों पर बहाल किया जाए।

आयोग ने रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी को पत्र लिखकर औचक निरीक्षण का आदेश भी दिया है ताकि नियमों के विरुद्ध चल रही गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जा सके और शिक्षण सत्र प्रभावित न हो।

आयोग ने कहा कि प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा सुनवाई में उपस्थित न होना आदेशों की अवहेलना है और यह शिक्षिकाओं के भविष्य को अंधकारमय बना रहा है। आयोग ने साफ किया कि शिक्षिकाओं का अधिकार सुरक्षित करना और न्याय सुनिश्चित करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

जनसुनवाई में अन्य मामलों पर भी सुनवाई की गई, जिनमें वैवाहिक विवाद, संपत्ति कब्जा, भरण-पोषण और बाल संरक्षण से जुड़े प्रकरण शामिल थे। सभी मामलों में आयोग ने संबंधित विभागों को जांच, समझाइश और कानूनी कार्रवाई के निर्देश जारी किए।