“विधायक राजेश मूणत ने 36 मेधावी छात्रों को दी प्रोत्साहन राशि, स्कूल को दी स्मार्ट क्लास और सोलर पैनल की सौगात”

रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने 36 मेधावी छात्रों को ₹5,000 प्रोत्साहन राशि दी और रविशंकर विश्वविद्यालय परिसर विद्यालय में स्मार्ट क्लास व सोलर पैनल की घोषणा की।

Oct 14, 2025 - 11:53
Oct 14, 2025 - 12:05
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“विधायक राजेश मूणत ने 36 मेधावी छात्रों को दी प्रोत्साहन राशि, स्कूल को दी स्मार्ट क्लास और सोलर पैनल की सौगात”

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत ने शिक्षा क्षेत्र में एक सराहनीय पहल करते हुए अपने क्षेत्र के 36 मेधावी छात्रों को ₹5,000-₹5,000 की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए।

 

यह कार्यक्रम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डगनिया और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर विद्यालय में आयोजित हुआ। विधायक मूणत ने डगनिया विद्यालय में 12 छात्रों को स्वयं चेक वितरित किए, जबकि विश्वविद्यालय परिसर विद्यालय में आयोजित समारोह में 24 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

 कार्यक्रम के दौरान विधायक ने कहा, “बच्चों को छोटी उम्र में यदि सही दिशा और प्रोत्साहन मिले, तो वे समाज और देश का नाम रोशन कर सकते हैं। यह सम्मान उनके आत्मविश्वास और लगन को और मज़बूत करेगा।”

विद्यालय को स्मार्ट और आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा

इस अवसर पर विधायक मूणत ने शिक्षा के क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि विद्यालय को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, ताकि सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी भी निजी स्कूलों जैसी तकनीकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

  1. सोलर पैनल की स्थापना – विद्यालय परिसर में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे संस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।

  2. स्मार्ट क्लासरूम की शुरुआत – हायर सेकेंडरी की सभी कक्षाओं में स्मार्ट बोर्ड लगाने हेतु तत्काल इस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए गए।

छात्रों और शिक्षकों में उत्साह

इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक, पालक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे। सभी ने विधायक द्वारा की गई घोषणाओं का स्वागत किया। विद्यालय प्रबंधन ने कहा कि यह पहल छात्रों में नई ऊर्जा और प्रतिस्पर्धा की भावना जगाएगी।

श्री मूणत ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि सरकारी स्कूलों में भी शिक्षा का स्तर और सुविधाएँ उच्चतम हों। डिजिटल शिक्षा से बच्चों का भविष्य उज्जवल बनेगा और वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे।

यह आयोजन न केवल प्रोत्साहन का माध्यम बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि सही दिशा और संसाधन मिलने पर सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी भी हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।