14वीं राष्ट्रीय वोविनाम चैंपियनशिप में मेघा माहेश्वरी ने जीता स्वर्ण पदक, अर्जुन्दा में खुशी की लहर

नई दिल्ली में आयोजित 14वीं राष्ट्रीय वोविनाम चैंपियनशिप 2025 में अर्जुन्दा निवासी मेघा माहेश्वरी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। उनकी उपलब्धि से परिवार, समाज और पूरे नगर में खुशी का माहौल है। मेघा ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और कड़ी मेहनत को दिया।

Nov 18, 2025 - 12:54
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14वीं राष्ट्रीय वोविनाम चैंपियनशिप में मेघा माहेश्वरी ने जीता स्वर्ण पदक, अर्जुन्दा में खुशी की लहर

 UNITED NEWS OF ASIA.परस साहू, बालोद | 14वीं राष्ट्रीय वोविनाम चैंपियनशिप 2025 में छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की प्रतिभाशाली खिलाड़ी मेघा माहेश्वरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में 8 से 11 सितंबर तक आयोजित इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देशभर के सैकड़ों खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें मेघा ने अपनी उत्कृष्ट क्षमता, संतुलित प्रदर्शन और मजबूत तैयारी के दम पर गोल्ड मेडल जीतकर पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।

अर्जुन्दा निवासी छगनलाल माहेश्वरी की पुत्री  मेघा माहेश्वरी ने इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए अपने बेहतरीन कौशल का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के दौरान मेघा ने अपने वर्ग के मुकाबलों में शुरू से ही बढ़त बनाए रखी और निर्णायक राउंड में दमदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी जीत ने न केवल उनके परिवार को गर्व से भर दिया है, बल्कि पूरे नगर पंचायत अर्जुन्दा में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

मेघा माहेश्वरी ने अपनी सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वर्ण पदक उनके लगातार अभ्यास, समर्पण और परिवार के मजबूत सहयोग की बदौलत संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और कठिन समय में भी उनका मनोबल बढ़ाया। मेघा ने बताया कि वह आगे भी अपने प्रशिक्षण को जारी रखेंगी और उच्च स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने का लक्ष्य रखती हैं।

मेघा की इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे समाज में हर्ष का वातावरण है। खेल प्रेमियों, स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मेघा को शुभकामनाएँ दी हैं। नगर सहित पूरे बालोद जिले में मेघा की इस शानदार सफलता को लेकर गर्व की अनुभूति की जा रही है। नगर के लोगों ने बताया कि मेघा की मेहनत, अनुशासन और लगन ने यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियां भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकती हैं।

वोविनाम एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित यह राष्ट्रीय चैंपियनशिप भारत में मार्शल आर्ट्स की प्रमुख प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसमें हर वर्ष युवा खिलाड़ियों को अपने कौशल को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। मेघा की इस सफलता ने यह भी दर्शाया है कि छत्तीसगढ़ के युवा खेलों के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

मेघा माहेश्वरी की जीत से प्रेरित होकर उनके क्षेत्र के कई युवा अब खेलों में करियर बनाने की दिशा में उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि मेघा जैसी प्रतिभाएँ पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और ऐसे खिलाड़ियों को उचित मंच और संसाधन मिलते रहें तो छत्तीसगढ़ खेल जगत में नई पहचान बना सकता है।