गोदावरी इस्पात हादसा: मृत श्रमिकों के परिवार को 25 लाख मुआवजा व नौकरी मिले – सुशील सन्नी अग्रवाल

रायपुर में गोदावरी इस्पात कंपनी में निर्माणाधीन ढांचा गिरने से 6 श्रमिकों की मौत और 7 गंभीर रूप से घायल होने पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल ने पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने भाजपा सरकार और श्रम विभाग पर मजदूर सुरक्षा की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी सुरक्षा जांच के बजाय रिश्वतखोरी में लगे हैं। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय उद्योगों पर सख्त कार्यवाही होती थी, लेकिन वर्तमान सरकार केवल कागजी खानापूर्ति कर रही है।

Sep 28, 2025 - 11:26
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गोदावरी इस्पात हादसा: मृत श्रमिकों के परिवार को 25 लाख मुआवजा व नौकरी मिले – सुशील सन्नी अग्रवाल

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। राजधानी में स्थित गोदावरी इस्पात कंपनी में निर्माणाधीन ढांचा गिरने से हुए भीषण हादसे में 6 श्रमिकों की मौत और 7 के गंभीर रूप से घायल होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कंपनी प्रबंधन को मृत श्रमिकों के परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी प्रदान करनी चाहिए। साथ ही गंभीर रूप से घायल श्रमिकों का पूरा इलाज कंपनी को कराना चाहिए।

अग्रवाल ने हादसे को लेकर भाजपा सरकार और श्रम विभाग पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “यह सरकार मजदूर विरोधी है। मजदूरों की सुरक्षा इनकी प्राथमिकता में शामिल ही नहीं है। श्रम विभाग के इंडस्ट्री हेल्थ एंड सेफ्टी अधिकारी फैक्ट्रियों की सुरक्षा जांच करने की बजाय अपनी जेबें भरने में लगे हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी और असुरक्षित मशीनों का उपयोग जारी है, जिससे आज इतना बड़ा हादसा हुआ और 6 परिवारों का सहारा छिन गया। श्रम विभाग के अधिकारी हजारों रुपये लेकर बिना जांच के लाइसेंस जारी कर रहे हैं, जिससे फैक्ट्री संचालकों का मनोबल बढ़ा है और मजदूरों की जान खतरे में पड़ रही है।

अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार रजत जयंती वर्ष के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। उन्होंने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उस समय सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराया जाता था और उल्लंघन करने वाले उद्योगों पर कार्यवाही होती थी।

मोदी की गारंटी के नाम पर झूठे वादे कर सत्ता में आई भाजपा अब मजदूरों की सुरक्षा को लेकर केवल कागजों में खानापूर्ति कर रही है,” – अग्रवाल ने कहा।