“गवर्नमेंट ऑन व्हील्स” शिविर में ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता, 319 आवेदनों का मौके पर निराकरण
धमतरी जिले के ग्राम पंचायत अरौद, गिरौद और सौंगा में “गवर्नमेंट ऑन व्हील्स” शिविर का आयोजन किया गया, जहां 493 आवेदनों में से 319 का मौके पर निराकरण कर ग्रामीणों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का त्वरित लाभ दिया गया।
UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन,धमतरी | सुशासन सप्ताह के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना “गवर्नमेंट ऑन व्हील्स” के तहत धमतरी जिले के ग्राम पंचायत अरौद, गिरौद एवं सौंगा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विशेष शिविरों का सफल आयोजन किया गया। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य शासन-प्रशासन को सीधे ग्रामीणों के द्वार तक पहुंचाकर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करना और विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करना रहा।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 19 से 25 दिसंबर तक मनाए जा रहे सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित इन शिविरों में ग्रामीणों की उल्लेखनीय सहभागिता देखने को मिली। आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शिविर स्थल पर पहुंचे और अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किए।
शिविर के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग स्टॉल लगाए गए, जहां पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, आधार कार्ड अपडेट एवं बायोमैट्रिक, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई), कृषि, खाद्य, श्रम और वन विभाग से जुड़ी समस्याओं का मौके पर समाधान किया गया। कुल 493 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 319 आवेदनों का त्वरित निराकरण शिविर स्थल पर ही कर दिया गया। शेष आवेदनों को संबंधित विभागों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर निराकरण हेतु अग्रेषित किया गया है।
शिविर की खास बात यह रही कि आधार कार्ड अपडेट एवं बायोमैट्रिक जैसी आवश्यक सेवाएं ग्रामीणों को मौके पर ही उपलब्ध कराई गईं। इससे ग्रामीणों को जिला या तहसील मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़े और समय व संसाधनों की बचत हुई। ग्रामीणों ने शासन की इस पहल की सराहना करते हुए इसे अत्यंत उपयोगी बताया।
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि “गवर्नमेंट ऑन व्हील्स” अभियान का उद्देश्य शासन की योजनाओं और सेवाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। यह पहल पारदर्शी, संवेदनशील और उत्तरदायी शासन की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार के शिविरों से न केवल उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से होता है, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास भी मजबूत होता है। सुशासन सप्ताह के अंतर्गत आयोजित यह शिविर प्रशासन और आमजन के बीच सेतु बनकर उभरा है।