गृहिणी ही बच्चों के सर्वांगीण विकास की आधारशिला, जीवन विद्या शिविर में श्री सोमदेव त्यागी ने बताया परिवार में मां का महत्व

जीवन विद्या शिविर में श्री सोमदेव त्यागी ने कहा कि परिवार में मां का ज्ञान और संस्कार बच्चों के सर्वांगीण विकास का आधार है, गृहिणी समाज की अनमोल धरोहर है।

Oct 11, 2025 - 18:06
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गृहिणी ही बच्चों के सर्वांगीण विकास की आधारशिला, जीवन विद्या शिविर में श्री सोमदेव त्यागी ने बताया परिवार में मां का महत्व

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। जीवन विद्या शिविर के पांचवें दिन सोमदेव त्यागी ने परिवार और बच्चों के विकास में गृहिणियों की अनमोल भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि परिवार बच्चों की पहली पाठशाला है और गृहिणी, केवल घर संभालने वाली नहीं बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास और संस्कार देने वाली महत्वपूर्ण व्यक्तित्व होती है।

त्यागी ने कहा कि आज महिलाएं खुद को “होम मेकर” कहना सम्मान समझती हैं, लेकिन वास्तव में वे उस स्थान पर हैं, जहां सर्वश्रेष्ठ इंसान का निर्माण होता है। यदि मां ज्ञान और समझ से सम्पन्न है, तो बच्चों के शरीर और बुद्धि दोनों का पोषण कर सकती है। कोई तकनीक, गृहिणी द्वारा दिए गए संस्कार और ज्ञान की बराबरी नहीं कर सकती।

उन्होंने परिवार में मां के महत्व पर भी जोर दिया। बच्चों के सवालों और जीवन में सीखने की प्रक्रिया में सबसे अधिक योगदान मां का होता है। इसलिए परिवार में प्रतिभाशाली और बुद्धिमान मां का होना आवश्यक है।

त्यागी ने मानव के आचरण और अस्तित्व पर भी चर्चा की। रूप, बल, धन और पद से प्रभावित होने के बजाय सुख, शांति, संतोष और आनंद का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि वास्तविक समृद्धि वह है जिसमें व्यक्ति को साधनों या धन की कमी का अहसास न हो। जब इंसान समझ के साथ जीवन जीता है, तो उसकी आवश्यकताएं सीमित और संतुलित होती हैं।

प्रकृति और जीवन में हर इकाई की भागीदारी को उन्होंने उदाहरण देकर समझाया। जैसे किडनी रक्त शुद्ध करती है, वैसे ही मानव, वनस्पति, पशु-पक्षी और पदार्थ सभी व्यवस्था में योगदान देते हैं। यह समझ बच्चों और परिवार को जीवन की गहरी समझ देती है।

शिविर लभांडी, श्री अग्रसेन धाम में 13 अक्टूबर तक चल रहा है और मध्यस्थ दर्शन पर आधारित है। शिविर में भाग लेने वाले लोग परिवार, समाज और प्रकृति में मानव की भूमिका और जिम्मेदारी को समझकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा पा रहे हैं।

इस प्रकार, श्री सोमदेव त्यागी ने स्पष्ट किया कि गृहिणी सिर्फ घर की देखभाल नहीं करती, बल्कि बच्चों और परिवार के जीवन में खुशहाली, संस्कार और ज्ञान का संचार करती है, जो समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।