भाजपा से सियासी सौदेबाज़ी करने वाले कांग्रेस नेता बने पदों के दावेदार, कार्यकर्ताओं में रोष
कवर्धा में युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भाजपा समर्थित गुंडों का हमला; कांग्रेस नेताओं की भाजपा से नज़दीकी पर कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी, संगठन में वैचारिक निष्ठा पर उठे सवाल।

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, कवर्धा। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन के भीतर एक बार फिर वैचारिक निष्ठा और सियासी प्रतिबद्धता को लेकर असंतोष उभरकर सामने आया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जिन नेताओं के भाजपा से निजी और सियासी संबंध हैं, वही आज संगठन में ऊँचे पदों की चाह रखते हैं।
हाल ही में कवर्धा में युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भाजपा समर्थित तत्वों ने हमला किया। घटना के दौरान कार्यकर्ताओं को सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया और उन्हें गालियाँ दी गईं। यह हमला केवल इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष के खिलाफ आवाज उठाई थी — जिस पर दो महिलाओं द्वारा यौन शोषण के गंभीर आरोप हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस गंभीर प्रकरण के बाद भी पीसीसी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। महिला कांग्रेस और युवक कांग्रेस को विरोध दर्ज कराने की खुली छूट नहीं दी गई, जिससे基层 कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है।
इस बीच, संगठन के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों पर भाजपा नेताओं से ‘दोस्ताना रिश्ते’ निभाने के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में एक गरबा कार्यक्रम के दौरान कुछ कांग्रेस नेताओं ने भाजपा नेताओं के साथ मंच साझा किया और उन्हें “छोटा भाई” कहकर सम्मानित किया। इस घटना ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को और भड़का दिया है।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे लोग जो पर्दे के पीछे सत्ताधारी दल से सियासी सौदेबाज़ी करते हैं, वे कांग्रेस की विचारधारा के सच्चे प्रतिनिधि नहीं हो सकते। पार्टी के भीतर से आवाज उठ रही है कि भाजपा रणनीतिकार ओ.पी. चौधरी से करीबी रखने वाले नेताओं की पहचान की जाए और उनकी भूमिका की जाँच हो।
एक युवक कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा, “पार्टी की आंतरिक चर्चाएँ और रणनीतियाँ भाजपा तक कैसे पहुँच रही हैं, यह गंभीर प्रश्न है। यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन की साख और संघर्ष की भावना दोनों कमजोर होंगी।”
कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि शुभंकर दिवेदी जैसे विवादित व्यक्तियों के साथ संबंध रखने वाले लोगों को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ देना कांग्रेस के सिद्धांतों के विपरीत है।
कवर्धा की यह स्थिति कांग्रेस नेतृत्व के लिए चेतावनी है — जहाँ पार्टी के निचले स्तर पर वैचारिक निष्ठा और अनुशासन को लेकर गहरी बेचैनी है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि प्रदेश नेतृत्व इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई करे, ताकि कांग्रेस की विश्वसनीयता और जनसंघर्ष की परंपरा बनी रहे।