मांझीआठगांव में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन, विधायक नीलकंठ टेकाम बोले – “जनता की मेहनत से ही छत्तीसगढ़ आज यहां तक पहुंचा”

मांझीआठगांव में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 का आयोजन हुआ, जिसमें विधायक नीलकंठ टेकाम ने जनता की मेहनत को राज्य की प्रगति का आधार बताया और विकास योजनाओं की जानकारी दी।

Oct 15, 2025 - 16:40
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मांझीआठगांव में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन, विधायक नीलकंठ टेकाम बोले – “जनता की मेहनत से ही छत्तीसगढ़ आज यहां तक पहुंचा”

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में रजत जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में फरसगांव ब्लॉक के ग्राम मांझीआठगांव में मंगलवार को “छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025” का भव्य आयोजन किया गया। गांव का मैदान छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति, पारंपरिक नृत्य और संगीत से गूंज उठा। ग्रामीणों, छात्रों और स्थानीय कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

इस मौके पर केशकाल विधानसभा के विधायक नीलकंठ टेकाम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और राज्य के विकास की यात्रा पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “यह महोत्सव केवल सरकार की उपलब्धियों का नहीं बल्कि हर नागरिक की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ ने पिछले 25 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण और उद्योग के क्षेत्र में जो प्रगति की है, वह पूरे देश के लिए मिसाल है।”

विधायक टेकाम ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताकत उसकी जनता की मेहनत और सहभागिता है। उन्होंने कहा, “जनता की सक्रिय भागीदारी ने ही राज्य को विकास की राह पर अग्रसर किया है। किसान, मजदूर, महिलाएं और युवा — सबने मिलकर छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान दी है।”

उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नई योजनाएं लाने जा रही है ताकि हर वर्ग तक विकास की रोशनी पहुंचे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आपसी सहयोग और एकता के साथ राज्य को और ऊंचाइयों तक ले जाने में योगदान दें।

कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, सामाजिक संगठन और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। मंच से लोक कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा वातावरण लोक संस्कृति और गर्व के रंग में रंग गया।

यह रजत महोत्सव न केवल छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा का उत्सव रहा बल्कि राज्य की लोक परंपरा, संस्कृति और एकता का जीवंत उदाहरण भी बन गया।