बालोद जिला बना देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला, कलेक्टर ने जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों को प्रदान किए प्रमाण पत्र

बालोद जिले को देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया गया। कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने सभी जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

Oct 15, 2025 - 18:43
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बालोद जिला बना देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला, कलेक्टर ने जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों को प्रदान किए प्रमाण पत्र

UNITED NEWS OF ASIA. परस साहू, बालोद । बालोद जिले ने देश में एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक के दौरान जिले के सभी 05 जनपद पंचायतों और 09 नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित होने पर प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

 

जिले में विगत दो वर्षों के दौरान किसी भी ग्राम पंचायत या नगरीय वार्ड में बाल विवाह का कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। इस उपलब्धि के फलस्वरूप बालोद को देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला बनने का गौरव हासिल हुआ है। कलेक्टर ने जिलेवासियों की सक्रिय भागीदारी और सभी विभागों के समन्वित प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सफलता सामाजिक जागरूकता और संवेदनशील प्रशासनिक कार्रवाई का परिणाम है।

कलेक्टर ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाल विवाह मुक्त जिले के इस गौरव को बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान जारी रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी जनपद पंचायत और नगरीय निकाय आगे भी बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए सतत कार्य करें। इस दिशा में किए गए प्रयासों में विभागों और नागरिकों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण रही है।

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि बालोद जिले की यह उपलब्धि न केवल जिले की बल्कि राज्य और देश की सामाजिक प्रगति का उदाहरण है। जिले के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक इस उपलब्धि के सच्चे भागीदार हैं। उन्होंने विशेष रूप से उन अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की जिन्होंने लगातार निगरानी, प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर इस दिशा में योगदान दिया।

बालोद जिले को यह सम्मान मिलने के साथ ही यहां के बच्चों और युवाओं के कल्याण में और विश्वास बढ़ा है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिले में बाल विवाह मुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए सतत प्रयास आवश्यक हैं और इसके लिए सभी जनपद पंचायत, नगरीय निकाय और नागरिक समाज की भागीदारी अपेक्षित है।

इस प्रकार बालोद जिले ने देश में एक मिसाल कायम करते हुए सामाजिक जागरूकता और प्रशासनिक प्रयासों का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।