भारत माता की जय के नारों से गूंजा रायपुर: संघ के शताब्दी वर्ष में विजयादशमी का भव्य पथ संचलन शुरू
रायपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विजयादशमी का भव्य पथ संचलन "भारत माता की जय" के गगनभेदी नारों के बीच शुरू हुआ। 25 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक चलने वाले इस संचलन में बाल से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवकों तक ने हिस्सा लिया। पांच नगरों की पांच बस्तियों में हुए कार्यक्रमों में वक्ताओं ने संघ के 100 वर्षों की तपस्या और "पंच परिवर्तन" के संकल्प को अपनाने का आह्वान किया।

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | “भारत माता की जय” के गगनभेदी नारों के बीच रविवार को रायपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयादशमी का भव्य पथ संचलन प्रारंभ हुआ। 25 सितम्बर से शुरू होकर 15 अक्तूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में महानगर के 14 नगरों में से 5 नगरों की 5 बस्तियों में संचलन किया गया, जिसमें बाल स्वयंसेवकों से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवकों तक ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
यह पथ संचलन संघ के शताब्दी वर्ष के पहले कार्यक्रम के रूप में ऐतिहासिक साबित हुआ। कार्यक्रमों में समाज के नागरिकों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिन्होंने संचलन का स्वागत किया और संघ के “पंच परिवर्तन” – सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व का भाव और नागरिक कर्तव्य – को अपनाने का संदेश सुना।
प्रमुख बस्तियों में हुआ संचलन:
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कृषक नगर – गायत्री नगर: मुख्य वक्ता मनोज कश्यप ने संघ के 100 वर्ष के इतिहास और राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य पर प्रकाश डाला।
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पुरानी बस्ती – भाठागांव: सह कार्यवाह आकाशदीप गुप्ता ने संघ की स्थापना से आज तक की यात्रा का उल्लेख करते हुए “पंच परिवर्तन” के पालन की अपील की।
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गुडियारी नगर – तिलक नगर: अमोल गोरे ने कहा कि संघ ने संघर्षों के बावजूद समाज में व्यापक परिवर्तन का चिंतन दिया है।
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रायपुरा नगर – महादेव घाट: गोविंदराम बसोने ने कहा कि पंच परिवर्तन से ही समाज में व्यापक बदलाव संभव है।
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शंकर नगर – बालाजी शाखा: निश्चय बाजपेई ने संघ की 100 वर्ष की यात्रा को भविष्य का मार्गदर्शक बताया।
कार्यक्रमों में डी.डी. मिश्रा, वेदु राम धनगर, महंत राघवेंद्र गोस्वामी, प्रदीप कुमार जैन सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
संघ के इस ऐतिहासिक पथ संचलन ने न केवल संगठन की 100 वर्षों की यात्रा को स्मरणीय बनाया, बल्कि समाज को एकजुट होकर राष्ट्रनिर्माण की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश भी दिया।