महात्मा गांधी नरेगा योजना से रामफल का गौपालन व्यवसाय साकार, आमदनी में बढ़ोतरी
महात्मा गांधी नरेगा योजना से पंडरिया के रामफल का गौपालन व्यवसाय साकार हुआ। पशुशेड निर्माण से पशुधन सुरक्षित और आमदनी बढ़ी, जिससे ग्रामीण हितग्राही का स्वरोजगार सशक्त हुआ और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा| महात्मा गांधी नरेगा योजना ने ग्रामीण हितग्राही रामफल के स्वरोजगार के सपने को साकार किया है। पंडरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत चारभाठाखुर्द के रामफल ने योजना के तहत पशुशेड निर्माण कर अपने गौपालन व्यवसाय को गति दी है और आमदनी में सुधार कर परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत की है।
पहले रामफल को अपने पशुधन को खुले में रखने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बरसात और सर्दी में पशुओं की सुरक्षा, कीचड़ और बीमारी की समस्याओं के कारण व्यवसाय पर प्रभाव पड़ता था। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत ने उनके लिए 68,500 रुपये की राशि से पशुशेड निर्माण को स्वीकृत किया। शेड का निर्माण अक्टूबर 2023 में शुरू होकर लगभग एक माह में पूर्ण हुआ। इस दौरान रामफल को 48 दिवस का रोजगार प्राप्त हुआ, साथ ही 12 मानव दिवस में अन्य ग्रामीणों को 7,500 रुपये मजदूरी के रूप में लाभ हुआ।
पशुशेड बन जाने के बाद व्यवसाय में प्रगति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। रामफल अब प्रति माह 3 से 4 हजार रुपये की आमदनी दूध बेचकर अर्जित कर रहे हैं। पशुशेड से गौ माता को सुरक्षित रखने की सुविधा मिली, जिससे व्यवसाय की वृद्धि हुई और घर के लिए भी ताजा दूध उपलब्ध हो रहा है।
रामफल ने बताया, “पशुशेड बनने से मेरी सभी चिंताएं दूर हो गईं। अब मैं अपने पशुधन की सुरक्षा के साथ व्यवसाय बढ़ाने में सक्षम हूं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रहा हूं। इस योजना ने मेरे व्यवसाय को नई दिशा दी है।”
इस पहल से ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा मिला है और महात्मा गांधी नरेगा योजना ने आजीविका सृजन और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।