प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की कृषि क्षेत्र की नई योजनाओं की शुरुआत — किसानों के समग्र विकास की दिशा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से पीएम धन-धान्य योजना और दलहन आत्मनिर्भर मिशन का शुभारंभ किया। कवर्धा में कृषि विज्ञान केन्द्र नेवारी में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हुआ।

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर से दो नई योजनाओं — ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भर मिशन’ का शुभारंभ किया।
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कवर्धा जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र नेवारी में किया गया, जहां बड़ी संख्या में किसान, जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। स्थानीय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद् के अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी थे, जबकि अध्यक्षता जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति के सभापति रामकुमार भट्ठ ने की।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना उनका संकल्प है। उन्होंने कहा कि नई योजनाओं के माध्यम से किसानों को सिंचाई, बीज, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन की आधुनिक सुविधाएँ एक ही मंच पर उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही, उन्होंने देशभर के उत्कृष्ट किसानों और एफपीओ को सम्मानित किया जिन्होंने प्राकृतिक खेती और नई तकनीक को अपनाकर मिसाल पेश की।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना देश के 100 कम उत्पादक जिलों में लागू की जाएगी, जिसमें छत्तीसगढ़ के कोरबा, जशपुर और दंतेवाड़ा शामिल हैं। इस योजना के तहत 11 विभागों की 36 योजनाओं को समन्वित कर लगभग 24 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का निवेश किया जाएगा। इससे किसानों को सिंचाई, फसल विविधीकरण, आसान ऋण और भंडारण सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
वहीं दलहन आत्मनिर्भर मिशन वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों के लिए 11,400 करोड़ रुपए के बजट के साथ संचालित होगा। इस मिशन के अंतर्गत अरहर, मसूर और उड़द जैसी प्रमुख दालों के उत्पादन, खरीद और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्य अतिथि श्री सुरेश चंद्रवंशी ने कहा कि प्रधानमंत्री की ये पहलें कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने वाली हैं और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगी। सभापति श्री रामकुमार भट्ठ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्राकृतिक खेती योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में लगभग 300 कृषक, कृषि विभाग के अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे। यह आयोजन किसानों के लिए नई संभावनाओं और कृषि क्रांति की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ।