जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविन्द कुंजाम ने किया बचेली के विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण — शिक्षकों की जवाबदेही और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया जोर
दंतेवाड़ा में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविन्द कुंजाम ने बचेली के स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण कर अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शिक्षक जिम्मेदारी पर जोर दिया।

UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविन्द कुंजाम ने आज बचेली क्षेत्र के विभिन्न शासकीय विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यार्थियों की उपस्थिति, शिक्षण व्यवस्था और विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का गहन मूल्यांकन किया।
निरीक्षण के क्रम में पीएम प्राथमिक शाला सरस्वती स्कूल बचेली, प्राथमिक शाला डीएनके-01, आदर्श माध्यमिक शाला बचेली, कन्या माध्यमिक शाला बचेली और कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल बचेली का दौरा किया गया। निरीक्षण के दौरान लंबे समय से अनुपस्थित एक शिक्षक पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को तत्काल प्रभाव से अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “शिक्षकों की अनुपस्थिति शिक्षा व्यवस्था के प्रति गैरजिम्मेदारी का प्रतीक है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
कुंजाम ने यह भी पाया कि कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। इस पर उन्होंने डीईओ को शीघ्र योग्य शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने हाई स्कूल बचेली में चल रहे नए भवन निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर असंतोष जताया और इसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण वातावरण मिल सके। उन्होंने विद्यालयों में पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई, पुस्तकालय और स्मार्ट क्लास जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों में ये व्यवस्थाएँ मानक के अनुरूप संचालित रहें।
कुंजाम ने शिक्षकों से कहा कि “शिक्षा बच्चों के भविष्य की नींव है। शिक्षक न केवल पढ़ाने की जिम्मेदारी निभाएँ, बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरणादायी वातावरण भी प्रदान करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी संभव है जब शिक्षकों में जवाबदेही और अनुशासन हो।
निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारी, विद्यालय प्राचार्य और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
यह आकस्मिक निरीक्षण शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने और बच्चों को बेहतर शिक्षा वातावरण देने की दिशा में एक सशक्त पहल माना जा रहा है।