
UNITED NEWS OF ASIA. बीजापुर/छत्तीसगढ़ | देश की आंतरिक सुरक्षा के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सबसे बड़ी जंग में सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बसे कर्रेगुट्टा पहाड़ी को नक्सलियों से मुक्त कराते हुए भारतीय तिरंगा लहराया है। यह इलाका दशकों से नक्सल प्रभाव में रहा है और पहली बार इतनी वृहद और सफल सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
ऑपरेशन का 9वां दिन: आतंक पर वज्र प्रहार
कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को आज 9 दिन पूरे हो गए। इस कठिन और दुर्गम इलाके में लगभग 10 से 12 हजार सुरक्षाबल तैनात हैं, जिन्होंने धीरे-धीरे हर मोर्चे पर नक्सलियों को पीछे धकेलते हुए पूरे पहाड़ पर कब्ज़ा कर लिया है।
अब तक की जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान 5 नक्सली ढेर किए गए हैं, जिनमें 3 महिला नक्सली शामिल हैं। मौके से हथियारों का जखीरा भी बरामद किया गया है।
हेलिकॉप्टर से 500 जवान उतारे गए, 4 राज्यों की फोर्स मैदान में
पहाड़ी पर फोर्स के कब्जे के दौरान हेलिकॉप्टर की मदद से 500 जवानों को विशेष रूप से उतारा गया। इस ऑपरेशन में अब तक छत्तीसगढ़, तेलंगाना, बिहार और झारखंड की सुरक्षा एजेंसियाँ शामिल हो चुकी हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस, तेलंगाना पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ अब केंद्रीय बलों की भी तैनाती कर दी गई है।
गर्मी और बारूदी चुनौतियाँ: 40 जवान डिहाइड्रेशन का शिकार, 2 घायल
कर्रेगुट्टा क्षेत्र का तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे 40 जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए हैं। वहीं, दो जवान नक्सलियों द्वारा बिछाए गए IED में घायल हो गए हैं। इसके बावजूद जवानों का हौसला अडिग और अटल है।
अब अगला लक्ष्य: कर्रेगुट्टा से सटे दो और पहाड़
फोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। कर्रेगुट्टा के बाद आसपास के दो और पहाड़ी इलाकों पर फोर्स कब्जा करेगी। इसके बाद भोपालपटनम की ओर से भी नक्सल रास्तों पर कंट्रोल बढ़ाया जाएगा।
आईबी चीफ ने संभाला मोर्चा, राज्य व केंद्र सतर्क
ऑपरेशन की गंभीरता को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के प्रमुख तपन डेका ने छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और पूरे ऑपरेशन की रनिंग समीक्षा की।
तेलंगाना में दबाव की कोशिश, मुख्यमंत्री से मुलाकात
इस बीच, तेलंगाना शांतिवार्ता समिति के सदस्य ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात कर ऑपरेशन रुकवाने की अपील की और केंद्र सरकार पर दबाव डालने का अनुरोध किया। सीएम ने “संवेदनशील तरीके” से विषय पर पहल करने की बात कही है।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध, तिरंगे ने बताया – अब अंत दूर नहीं!
कर्रेगुट्टा पर तिरंगे का लहराना न केवल सैन्य रणनीति की जीत है, बल्कि यह संदेश भी है कि नक्सली विचारधारा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। जवानों की बहादुरी, बलिदान और प्रतिबद्धता ने साबित कर दिया है —
“भारत में हिंसा की कोई जगह नहीं, और तिरंगे का अपमान अब नहीं सहा जाएगा।“
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