
UNITED NEWS OF ASIA. कृष्णा नायक, सुकमा | कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा के सौजन्य से ग्राम कोकावाड़ा, छिंदगढ़ में आयोजित एक दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को आधुनिक एवं समन्वित मत्स्य पालन की बारीकियों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का नेतृत्व केवीके के मत्स्य विशेषज्ञ डॉ. संजय सिंह राठौर ने किया।
डॉ. राठौर ने किसानों को बताया कि किस प्रकार रोहू, कतला, मृगल, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प एवं कॉमन कार्प मछलियों को वैज्ञानिक पद्धति से एक एकड़ तालाब में पालकर लाखों की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने समन्वित मत्स्य पालन पर जोर देते हुए कहा कि तालाब के ऊपर मुर्गी, बतख और बटेर पालन से चारे की लागत में 25 से 30 प्रतिशत तक की कमी संभव है, साथ ही अंडे और मांस की बिक्री से दुगुनी आय अर्जित की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि बतख को तालाब का “चलता हुआ खाद” कहा जाता है क्योंकि यह पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर मछलियों की वृद्धि को तेज करती है।
प्रशिक्षण के उपरांत डॉ. राठौर ने गांव के तालाब का निरीक्षण कर पानी का पीएच, तापमान व अमोनिया स्तर जांचा और उसे मछली पालन के लिए उपयुक्त बताया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ज्योतिष कुमार पोटला एवं विनोद का विशेष योगदान रहा।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :